असमर्थों को मजबूत कर रही टीम समर्थ
जिले में दिव्यांगों दलितों महिलाओं बेरोजगार किसान और गरीब को सा
जागरण संवाददाता, एटा: जिले में दिव्यांगों, दलितों, महिलाओं, बेरोजगार, किसान और गरीब को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए समर्थ संस्था निरंतर कार्य कर रही है। यही वजह है कि सैकड़ों लोगों के अंधेरे जीवन में जागरूकता का उजाला हुआ है।
दिव्यांग अधिवक्ता अमित यादव द्वारा शुरू किए गए इन प्रयासों से जुड़ी युवाओं की टीम ने दिव्यांगों के लिए कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इसी टीम ने पहले दिव्यांगों को अधिकार दिलाने के लिए पहल की। समाज के विभिन्न तबकों जैसे पुलिसकर्मियों, शिक्षकों और आम जनमानस को दिव्यांगता और महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूक किया। दिव्यांगों को वोट डालने के लिए सुविधाजनक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए टीम जिला प्रशासन के साथ काम कर रही है।
समर्थ संस्था की टीम समाज के अन्य उपेक्षित वर्गों को भी न्याय दिलाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों जैसे वाल पेंटिग के •ारिए जागरूकता, महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने जैसी पहल शुरू की हैं। टीम प्रमुख अमित यादव कहते हैं कि मैंने देश के सर्वोच्च संस्थानों से कानून की पढ़ाई की। उसके बाद मैंने अपना कार्यक्षेत्र गृह जनपद ही चुना ताकि हम यहां के दिव्यांग एवं वंचित वर्ग को मुख्य धारा में लाकर समाजिक न्याय मुहैया कराने में मदद कर सकें।
सचिव समाजसेवी विनय कुमार कहते हैं कि हमारी टीम ही हमारी ताकत है। 300 से ज्यादा वंचित तबके के लोगों को कानूनी मदद भी दी है।
अपनों ने छोड़ा साथ, बेगानों ने किया अंतिम संस्कार: जिदगी के आखिरी पड़ाव में साथ छोड़ चुके अपने उस वृद्ध की मौत पर भी नहीं पहुंचे। बेगाने काम आए और अंतिम संस्कार कर मुक्ति का रास्ता प्रशस्त किया।
कुछ दिनों पहले डोरीलाल (60) वर्ष को कासगंज रोड स्थित वृद्धाश्रम में भर्ती किया गया था। इससे पहले वह इधर-उधर भटकते थे और मांग कर खा लेते थे। वृद्धाश्रम में उन्होंने बताया था कि परिवार रैवाड़ी मुहल्ला में है, लेकिन कभी कोई स्वजन उनसे मिलने नहीं पहुंचा। हफ्ते भर पहले तबियत बिगड़ने पर वृद्धाश्रम से लाकर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। वहां उनकी शनिवार रात मौत हो गई। रविवार तक कोई स्वजन नहीं पहुंचा और अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था। उनके किसी जानकार ने संस्कार मानव सेवा समिति के पदाधिकारियों को दी। जिस पर अध्यक्ष अमित चौहान, कोषाध्यक्ष सत्यप्रकाश और सह सचिव दीपक चौहान अस्पताल पहुंचे। अस्पताल प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर शव को मालगोदाम रोड स्थित मोक्षधाम ले गए। जहां हिदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कराया।