लोकतंत्र के प्रति इस जिम्मेदारी को सलाम

जहां एक ओर शासन और प्रशासन लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए तमाम अ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 03:40 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 03:40 AM (IST)
लोकतंत्र के प्रति इस जिम्मेदारी को सलाम
लोकतंत्र के प्रति इस जिम्मेदारी को सलाम

एटा, जासं: जहां एक ओर शासन और प्रशासन लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए तमाम अभियान और प्रचार का सहारा लेता है, तो कहीं-कहीं तस्वीरें कुछ ऐसी दिखाई दे जाती हैं कि इन्हें दुनिया सलाम करती है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के मतदान में सोमवार को मारहरा विकास खंड क्षेत्र के गांव नगला बाग की 105 वर्षीय चन्दादेवी अपने नाती राजेश की गोद में वोट डालने पहुंची। उनका कहना था कि शायद अगले पंचायत चुनाव में उन्हें वोट डालने का मौका मिले या नहीं। लेकिन आज मौका मिला है, तो इसे व्यर्थ नहीं जाने देंगी। वहीं गांव खलीलगंज की दिव्यांग महिला प्रेमवती देवी भी तपती दोपहरी में अपनी बेटी पूनम के साथ ट्राइसाइकिल से वोट डालने पहुंचीं।

बूथ कैप्चरिग व फर्जी मतदान की सूचना पर दौड़ते रहे अफसर: पंचायत चुनाव के दौरान आधा दर्जन थाना क्षेत्रों में बूथ कैप्चरिग और फर्जी मतदान की शिकायतों पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी दौड़ते रहे। जिनमें अधिकांश सूचनाएं झूठी पाई गईं। अफवाह फैलाने वाले चार लोगों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया। सोमवार दोपहर मतदान के समय सकीट थाना क्षेत्र के नगला धनू के लोगों ने पुलिस को फर्जी मतदान की सूचना दी। जानकारी मिलते ही प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की मोबाइल टीमें मौके पर पहुंच गईं, लेकिन सूचना झूठी निकली। इसके अलावा मलावन थाने के ग्राम बरा खेड़ा, बागवाला थाना क्षेत्र के ग्राम कीलरमऊ और जैथरा थाना क्षेत्र के मनीपुरा और जवाहर नगर में भी बूथ कैप्चरिग और फर्जी मतदान की सूचनाएं दी गईं।

जैथरा थाने के ग्राम कुकराया रतनपुर के दर्जनभर से अधिक लोग हाथों में पत्थर लेकर बूथ कैप्चरिग और फर्जी मतदान की सूचना पर मतदान केंद्र की ओर दौड़ लिए। पुलिस ने अफवाह फैलाने वाले एक युवक को हिरासत में ले लिया। पिलुआ के ग्राम जवाहरपुर स्थित मतदान केंद्र पर भी बूथ कैप्चरिग और फर्जी मतदान की सूचना पर पहुंची पुलिस ने अफवाह फैलाने वाले तीन लोगों को हिरासत में ले लिया। अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि फर्जी मतदान और बूथ कैप्चरिग की अधिकांश सूचनाएं झूठी निकलीं। हिरासत में लिए लोगों को मतदान के बाद छोड़ दिया गया है।

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