खाद्यान्न मंडी में फिर से बढ़ेगी रौनक
एटा जासं। लोकसभा चुनाव की मतगणना सम्पन्न होने के साथ ही शहर की खाद्यान्न मंडी में अब फिर से रौनक दिखने लगेगी। ईवीएम के रख रखाव के लिए यहां बनाए गए स्ट्रांग रूम के चलते अस्सी फीसद आढ़तें बंद होने से गल्ला खरीद का कार्य ठप पड़ा था। जिसके चलते न सिर्फ आढ़तिया हाथ पर हाथ रखकर बैठने को विवश थे बल्कि रोजमर्रा रोजी रोटी कमाने वाले पल्लेदारों के हाथ भी रोजगार से खाली थे। मतगणना समाप्त होने के साथ ही उन्हें रोजगार की उम्मीद जगी है।
एटा, जासं। लोकसभा चुनाव की मतगणना सम्पन्न होने के साथ ही शहर की खाद्यान्न मंडी में अब फिर से रौनक दिखने लगेगी। ईवीएम के रख रखाव के लिए यहां बनाए गए स्ट्रांग रूम के चलते अस्सी फीसद आढ़तें बंद होने से गल्ला खरीद का कार्य ठप पड़ा था। जिसके चलते न सिर्फ आढ़तिया हाथ पर हाथ रखकर बैठने को विवश थे, बल्कि रोजमर्रा रोजी रोटी कमाने वाले पल्लेदारों के हाथ भी रोजगार से खाली थे। मतगणना समाप्त होने के साथ ही उन्हें रोजगार की उम्मीद जगी है।
दरअसल पिछले माह 29 अप्रैल को मतदान होने के बाद एटा विधानसभा सहित मारहरा, जलेसर और अलीगंज विधानसभा क्षेत्र की इलेक्ट्रानिक वोटिग मशीनों और वीवीपैट को खाद्यान उत्पादन मंडी परिषद में बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखवाया गया था। इसके चलते पूरे एक माह तक मंडी परिषद में अस्सी फीसद गल्ला आढ़तें बंद चल रहीं थीं। गेहूं खरीद के इस सीजन में मंडी में कारोबार ठप होने से कच्चे और पक्के गल्ला आढ़ती भी चुनाव मतगणना का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
ईवीएम की सुरक्षा को लेकर जीटी रोड से मंडी का मुख्यद्वार बंद था, अलीगंज रोड की ओर से मंडी की महज 20 फीसद आढ़तें ही नियमित खुल रहीं थीं। मगर उन पर भी किसानों की आमद कम ही थी। अब मतगणना के साथ ही परिणाम सामने आते ही मंडी में गल्ला आढ़तियों के प्रतिष्ठान पर फिर कारोबार पटरी पर लौटने की उम्मीद बढ़ गई है। मतगणना के अगले दिन आढ़तिया प्रतिष्ठानों को व्यवस्थित करने में लगे रहे, क्योंकि अब किसानों की भी फसल लेकर मंडी की ओर आवक बढ़ेगी।