कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारियां पूरी नहीं

सीएचसी पर नहीं हो पाई पर्याप्त बेड की व्यवस्था पीआइसीयू वार्ड नहीं बनाए गए

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 06:26 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 06:26 AM (IST)
कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारियां पूरी नहीं
कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारियां पूरी नहीं

जागरण संवाददाता, एटा: कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारियां अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं। कहीं बेड की व्यवस्था नहीं है तो कहीं पीआइसीयू वार्ड नहीं बनाए गए। एमसीएच विग में जरूर काम चल रहा है। वहां 20 बेड की व्यवस्था की जा चुकी है।

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर शासन के निर्देश हैं कि समय रहते सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। सबसे अहम पीआइसीयू वार्ड व आक्सीजनयुक्त बेड हैं। इनकी अभी तक तैयारी नहीं की गई है।

इस समय जनपद के तीन कोविड अस्पतालों में 160 बेड की व्यवस्था है। इनमें 70-70 बेड बागवाला के कोविड अस्पताल एल-2 और चुरथरा के एल-1 में हैं। इसके अलावा एमसीएच विग में 20 बेड की व्यवस्था है। अच्छी बात यह है कि इनमें से कई बेड वेंटिलेटरयुक्त हैं, जिनमें पोर्टेबल वेंटिलेटर लगाए गए हैं। वहीं 100 बेड अभी बढ़ाए जाने हैं, ताकि तीसरी लहर के दौरान बच्चों के लिए बेड कम न पड़ें। जनपद में पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। सबसे पहले सीएचसी को दुरुस्त कराने का काम किया जा रहा है। जनपद में चार सामुदायिक स्वास्थ्य, पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व गांवों में 29 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए 10 बेड:

सकीट स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए 10 बेड की व्यवस्था की गई है। हालांकि जनपद में अभी तक ब्लैक फंगस के किसी भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है, जबकि आंखों की जांच कराने वालों की तादात जरूर बढ़ी है। शासन से की गई उपकरण की मांग:

शासन से कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए पर्याप्त उपकरणों की मांग की गई है, इनमें सबसे ज्यादा उपकरण पीडियाट्रिक वार्ड के लिए चाहिए। बच्चों के लिए छोटे आक्सीजन मास्क, छोटे वेंटिलेटर जैसी चीजें चाहिए। चिकित्सकों की कमी:

एक तरफ तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ चिकित्सकों की काफी कमी है तथा ैपैरामेडिकल स्टाफ भी काफी कम है। जिला मुख्यालय पर सरकारी चिकित्सकों में सिर्फ एक ही सीनियर फिजीशियन हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डाक्टरों की कमी के चलते आयुष के चिकित्सकों से काम चलाया जा रहा है। जनपद को कम से कम तीन दर्जन चिकित्सक चाहिए, जबकि 100 पैरामेडिकल स्टाफ भी होना चाहिए।

तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारियां कर रहा है। हमारी कोशिश है कि समय रहते सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैयारियां पूरी कर ली जाएं। आक्सीजन प्लांट भी शीघ्र बनना शुरू हो जाएगा।

- डा. उमेश चंद्र त्रिपाठी, मुख्य चिकित्साधिकारी।

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