अपने एजेंट अधिक हों इसलिए परिवार के सदस्यों को लड़ा दिया चुनाव
सकीट विकास खंड की ग्राम पंचायतों में मुकाबला भले ही त्रिकोणीय या चतु
जागरण संवाददाता, एटा: सकीट विकास खंड की ग्राम पंचायतों में मुकाबला भले ही त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय हो, लेकिन प्रत्याशियों की भरमार है। प्रत्याशियों की संख्या इसलिए अधिक बढ़ गई, क्योंकि उम्मीदवारों ने अपने परिवार के सदस्यों को सिर्फ इसलिए चुनाव में खड़ा कर दिया ताकि उन्हें मतदान और मतगणना वाले दिन एजेंट अधिक मिल जाएं। हालांकि यह स्थिति अन्य ब्लाकों में भी है, मगर सकीट क्षेत्र में अधिक दिखाई दे रही है।
सकीट विकास खंड में 92 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें बढ़ी पंचायत मजरा जात सकीट भी है। यहां प्रधान पद के नौ प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, मगर मुकाबला त्रिकोणीय से ज्यादा नहीं। प्रत्याशियों की संख्या क्यों बढ़ी इसका जवाब जो चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें देखकर मिल जाता है। किसी प्रधान पद के उम्मीदवार ने अपनी भाभी को खड़ा कर दिया तो किसी ने चाची को। कितनी हैरत की बात है कि चुनाव आयोग के पास मतदाताओं की आंखों में धूल झोंकने वाले डमी प्रत्याशियों का कोई तोड़ नहीं है। डमी प्रत्याशी हर बार चुनाव मैदान में उतरते हैं। ऐसा ही इस बार भी हो रहा है। क्षेत्र में हर गांव की अपनी-अपनी अलग-अलग समस्याएं हैं। मतदाता तोल रहे हैं कि किसे वोट दें। गढि़या, कौंची, सकतपुर, आसपुर जैसी बड़ी ग्राम पंचायतों में भी प्रत्याशियों की भरमार है। वसुंधरा न्याय पंचायत में सबसे अधिक उम्मीदवार
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निधौलीकलां विकास खंड की वसुंधरा न्याय पंचायत ऐसी है, जिसकी 10 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के 95 उम्मीदवार हैं। जबकि गहेतू न्याय पंचायत में 91 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। न्याय पंचायतवार आंकड़े देखें तो अढ़ापुरा की ग्राम पंचायतों में सबसे कम 54, जिटौली में 82, पिलुआ में 79, बाबसा में 76, मरगायां में 80, सोंगरा में 80 और बरिगवां की ग्राम पंचायतों में 61 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।