गांवों में बढ़ गया संक्रमण का खतरा
वोट देने आ रहे प्रवासियों की कोरोना जांच को नहीं कोई इंतजाम जनपद में पंचायत चुनाव के लिए 19 अप्रैल को होना है मतदान
जासं, एटा: पंचायत चुनाव के लिए एक- एक वोटर को खोज-खोजकर प्रत्याशियों ने बाहर से बुला लिया है। इनमें अधिकांश ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कोरोना की जांच ही नहीं कराई और गांवों में पहुंच गए। इनकी जांच के लिए कोई इंतजाम भी नहीं है इसलिए वे पकड़ में नहीं आ पा रहे।
जनपद में पंचायत चुनाव के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है। प्रधान और बीडीसी सदस्य पद के उम्मीदवारों ने पैसा खर्च कर प्रवासियों को यहां बुला लिया है। इससे पहले उनका वोट बनवाने के लिए प्रत्याशियों ने चुनाव की घोषणा से पहले कड़ी मशक्कत की। जब वोट बन गया तो यहां बुला लिया। इन प्रवासियों में से कौन संक्रमित है यह किसी को भी पता नहीं है। कोई जांच नहीं हुई। देखा जाए तो प्रत्याशियों ने वोटों की खातिर पूरे गांव को खतरे में डाल दिया है। इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक मरीज निकल रहे हैं। इनमें तमाम प्रवासी भी हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो महाराष्ट्र में लाकडाउन के मद्देनजर यहां चले आए हैं। इसके अलावा अन्य प्रातों से भी लोग यहां पहुंचे हैं। प्रशासन के पास इनका कोई लेखाजोखा नहीं है। पिछले वर्ष लाकडाउन के दौरान प्रशासन ने प्रवासियों का लेखाजोखा एकत्रित किया था। इस बार कोई आंकड़ा नहीं है। तमाम लोग बीमार हैं। ये निजी तौर अपना इलाज करा रहे हैं, मगर कोरोना जांच कराने नहीं पहुंच रहे। सच तो यह है कि प्रत्याशी भी नहीं चाहते कि मतदान तक बाहर से आने वाले लोगों की जांच हो क्योंकि अगर कोई पाजिटिव निकल आया वोट मिलना मुश्किल हो जाएगा।