एटा में बारिश से बिछी धान की फसल, आलू भी बर्बाद
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में किसान हलकान अवागढ़ जलेसर मारहरा निधौलीकलां क्षेत्र में ज्यादा नुकसान
जासं, एटा: जिले में बेमौसम बारिश ने कई क्षेत्रों में किसानों को फिर रुला दिया है। भले ही रविवार और सोमवार को हुई बारिश के बाद मंगलवार को मौसम साफ हो गया, लेकिन बारिश से बर्बाद हुई खेतीबाड़ी के मंजर को देख प्रभावित किसान परेशान नजर आए। अवागढ़, जलेसर, मारहरा, निधौलीकलां क्षेत्रों में धान की फसल खेतों में पानी भरने से बिछी नजर आई। वहीं हाल ही में बोए गए आलू के खेतों में पानी भर जाने के बाद फसल की बर्बादी ने किसानों को रुला दिया है।
यहां बता दें कि रविवार रात से शुरू हुई जिले में बारिश सोमवार को दोपहर तक जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में कहीं अधिक तो कहीं कम होती रही। वैसे तो खेतीबाड़ी को नुकसान सभी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है, लेकिन कुछ क्षेत्र ज्यादा प्रभावित हैं।
अवागढ़ विकास खंड में ग्राम सरकरी, उड़ैरी, मींसाकलां, मींसा खुर्द, नरौरा, बरई कल्यानपुर, वीननगर, नगला बीच, नगला बख्सी, खुटीपुरा, मोहनपुर, गदेसरा, सहनऊआ, कुसबा, नगला छैया, नया नगला, नगला लोधा, गुलाबपर, नगला गरीबा, भूड़ गड्ढा आदि में हुई तेज बारिश से खेतों में खड़ी धान की फसल 80 फीसद तक फसल खेतों में ही बिछ गई है। इसमें तमाम किसानों की धान की फसल कटकर खेतों में ही पड़ी थी, जोकि जलमग्न होने से बर्बाद हो गई। इन्हीं क्षेत्रों में पखवाड़ेभर में बोई गई आलू के खेतों में भी पानी भर जाने के कारण सैकड़ों हेक्टेयर फसल पूरी तरह से खराब होना ही बताई जा रही है। इसके अलावा बाजरा की कटी पड़ी तथा खड़ी फसल को भी खासा नुकसान हुआ है। अवागढ़ विकास खंड से ही जुड़े ब्लाक निधौलीकलां, क्षेत्र के गांव मुहब्बतपुर, गहराना, नूहखेड़ा आदि में भी काफी नुकसान है।
मारहरा क्षेत्र में भी बारिश और तेज हवाओं ने खेतीबाड़ी को बर्बाद कर दिया है। क्षेत्र के गांव पिदौरा, मोहकमपुर, रतनपुर, पचपेड़ा, अजानपुर, निहालपुर, धरपसी सहित दर्जनों ग्रामों में धान की फसल तेज हवा और बारिश से पानी भरे खेतों में बिछी पड़ी है। इसके अलावा बाजरा, धान की कटी पड़ी फसलें भी सड़ने के कगार पर हैं। जलेसर क्षेत्र में भी दो दर्जन से ज्यादा ग्रामों में फसलें मौसम से प्रभावित हुई हैं। अचानक मौसम की मार से फसलों की बर्बादी के बावजूद भी प्रशासन के द्वारा किसानों के नुकसान को लेकर कोई सक्रियता न दिखाए जाने से किसान संगठन भी आक्रोशित हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन ठाकुर व राष्ट्रीय महासचिव शिव प्रताप सिंह ने बारिश से किसानों को हुए बड़े नुकसान को लेकर प्रशासन को चेताया है। मांग उठाई है कि तत्काल नुकसान का सर्वे कराकर किसानों को आर्थिक मदद दिलाई जाए। उधर मारहरा में भी कृषक सोनू शर्मा, अनूप मिश्रा, राजकिशोर, ब्रजेश उपाध्याय, अमर सिंह, तालेवर सिंह, रमाकांत, संजय, रुकुमपाल, महेशचंद्र, प्रेमपाल, जयप्रकाश, ब्रजेश, रामबाबू, सुनील धर्मवीर आदि का कहना भी है कि खुशियां आने से पहले ही किसानों का सब तबाह हो गया। 24 घंटे में ही बदल गई तकदीर
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जो किसान बारिश होने से पहले तक धान और बाजरा की फसल काटने में लगे थे और अच्छा लाभ पाने की उम्मीद थी। ऐसे किसानों की तकदीर 24 घंटे में ही बारिश ने बर्बाद कर दी। खेतों में सड़ती फसल को देख ऐसे किसान उदास तो हैं ही वहीं उनके अरमान भी अधूरे रह गए। सरकरी के धीरू चौहान और गदेसरा के मुनेंद्र पाल का कहना था कि दीपावली का त्योहार फीका हो गया। ऐसे ही तमाम किसानों की वेदना फसल बर्बाद होने के बाद उनके मुंह से सुनाई दे रही हैं।