शिक्षकों से डाटा फीडिग सहित अन्य कार्यों का विरोध
राष्ट्रीय शैक्षक महासंघ ने दिया 10 सूत्रीय मांगपत्र अधिकारियों की असम्मानजनक भाषा पर भी जताया खेद
जासं, एटा: बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों से कंप्यूटर संबंधी डाटा फीडिग, फाइल अपलोडिग के अलावा विभागीय अधिकारियों द्वारा वाटसएप ग्रुपों पर शिक्षकों के प्रति असम्मानजनक भाषा का प्रयोग किए जाने को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने विरोध जताया है। संगठन के पदाधिकारियों ने इस संबंध में 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है।
संगठन के पदाधिकारियों का कहना था कि विभाग द्वारा कंप्यूटर संबंधित कार्य जैसे डाटा फीडिग, फाइल अपलोडिग शिक्षकों से करने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। उन्हें वाटसएप ग्रुपों के जरिए वेतन रोकने और वेतन वृद्धि बाधित करने जैसी धमकियां देकर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। इस तरह की स्थिति का संगठन विरोध करेगा। कंप्यूटर व डाटा फीडिग कार्य विभाग आपरेटरों से कराए। शिक्षकों का उत्पीड़न किसी भी कीमत पर संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके अलावा बताया गया कि शासन स्तर से प्राप्त निर्देशों को संकुल तथा विद्यालय स्तर पर वाटसएप ग्रुप के माध्यम से प्रेषित कर दिया जाता है। जिनके द्वारा निर्देशों का पालन कराने की अंतिम तिथि नजदीक आने पर शिक्षकों के विरुद्ध असम्मानजनक भाषा का प्रयोग प्रभारियों तथा अधिकारियों द्वारा किया जाता है। ऐसी स्थिति खेदजनक है। संबंधित अधिकारी शिक्षकों के साथ गरिमामय व्यवहार करें। वहीं ब्लाक कार्यालयों पर सभी अधिकारियों को दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक आवश्यक रूप से उपस्थित रहने के लिए निर्देशित किया जाए।
संगठन ने लाकडाउन में शनिवार को स्कूल बंद या खोले जाने की स्थिति स्पष्ट करने को भी कहा। इसके अलावा लंबित पदोन्नतियों के लिए जेष्ठता सूची जारी करने तथा लिपिक पटलों पर समस्याओं को लंबित रखे जाने के अलावा जरूरी सूचनाएं वाटसएप ग्रुप के अलावा शिक्षकों को हार्ड कापी में उपलब्ध कराने की भी मांग उठाई। बीएसए संजय सिंह को ज्ञापन देकर समस्याओं का निराकरण करने को कहा। जिलाध्यक्ष संजय शर्मा, कार्यकारी जिलाध्यक्ष राजकुमार पाराशर, महामंत्री धनवीर सिंह सिसौदिया, प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, विवेक भारद्वाज, विबसार बौद्ध, संजय सिंह, डा. राजपाल सिंह, आशु शर्मा, माधवी वाष्र्णेय, अखिलेश शर्मा, तरुण चतुर्वेदी, जयप्रकाश पचौरी आदि पदाधिकारी मौजूद थे।