गरीबों को मुहैया कराया निवाला
कोरोना संक्रमण काल के दौरान पिछले साल लाकडाउन के दौरान सैकड़ो
जागरण संवाददाता,एटा: कोरोना संक्रमण काल के दौरान पिछले साल लाकडाउन के दौरान सैकड़ों परिवारों में चूल्हे भी बंद हो गए। ऐसे हालातों में उन्होंने खुद पहल करते हुए मां अन्नपूर्णा सेवा समिति अपने पति के सहयोग से बनाई और 62 दिनों तक लगातार गरीब परिवारों और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया। रसोई बंद हुई तब भी सैकड़ों परिवारों के लिए सूखा राशन वितरित कराया।
पिछले साल कोरोना के विपरीत हालातों में कुछ ऐसी ही पहल अवागढ़ कस्बा निवासी तारा वाष्र्णेय के द्वारा की गई। लाकडाउन लगने के बाद रोजमर्रा मजदूरी करने वाले लोगों के घर पेट भरने की समस्या को देख उन्होंने अपने पति स्कूल संचालक तथा व्यापारी नेता संजीव वाष्र्णेय का सहयोग लिया। देखते ही देखते हो 28 मार्च से मां अन्नपूर्णा सेवा समिति की टीम तैयार हुई और जलेसर रोड स्थिति स्कूल में रसोई शुरू हो गई। तारा वाष्र्णेय ने खुद रसोई की व्यवस्थाओं को संभाला और गरीब परिवारों की सूची वाट्सएप ग्रुप से तैयार कराई। इसके बाद हर रोज 1500 से 1800 भोजन के पैकेट रसोई में तैयार होने लगे और उनका वितरण स्थानीय युवाओं ने ही गरीब तथा जरूरतमंदों के घरों तक किया। सहयोग में अन्य महिलाएं तथा प्रमुख लोग भी आगे आए तो भोजन आसपास के गांवों तक भी पहुंचाया जाने लगा। सुबह 5 बजे उठकर रसोई की व्यवस्थाएं संभालते हुए उनकी पहल ने गरीबों के पेट को राहत दी। यही नहीं जब लाक डाउन की मई के अंत में समाप्ति हुई तब 11100 सूखे राशन के पैकेट तैयार करा कर भी गरीब तबके के लोगों को उपलब्ध कराए।
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25000 से ज्यादा मास्कों का कराया वितरण
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गरीबों के लिए भोजन के साथ मास्क की जरूरत समिति ने पूरी कराई। तारा वाष्र्णेय ने रसोई के बाद अन्य महिलाओं की मदद से 5 माह में 25000 से ज्यादा मास्क तैयार कराकर वितरित कराए। उस समय खुद सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने उनकी तथा समिति के कार्यों की प्रशंसा की थी। खास बात तो यह है कि उनकी पहल को देख बड़ी संख्या में लोग राहत के काल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते नजर आए।