बिगड़ा मौसम का मिजाज, बढ़ी किसानों की धड़कनें

एटा, जासं। मौसम का मिजाज बुधवार को बिगड़ गया। सुबह से ही आसमान में बादल छा गए और किसानों के दिल धड़कने लगे। पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि से ¨चतित किसानों को एक बार फिर से लगा किया कहीं तेज बारिश और ओले न पड़ें, इसलिए वे आशंका में डूबे रहे। बीते तीन दिन धूप निकली थी, इसके बाद भी तापमान भी बढ़ गया था। तब से यह माना जा रहा था कि शायद मौसम एक समान रहेगा, लेकिन ये सारी उम्मीदें एक बार फिर से टूट गईं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 11:27 PM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 11:27 PM (IST)
बिगड़ा मौसम का मिजाज, बढ़ी किसानों की धड़कनें
बिगड़ा मौसम का मिजाज, बढ़ी किसानों की धड़कनें

एटा, जासं। मौसम का मिजाज बुधवार को बिगड़ गया। सुबह से ही आसमान में बादल छा गए और किसानों के दिल धड़कने लगे। पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि से ¨चतित किसानों को एक बार फिर से लगा किया कहीं तेज बारिश और ओले न पड़ें, इसलिए वे आशंका में डूबे रहे। बीते तीन दिन धूप निकली थी, इसके बाद भी तापमान भी बढ़ गया था। तब से यह माना जा रहा था कि शायद मौसम एक समान रहेगा, लेकिन ये सारी उम्मीदें एक बार फिर से टूट गईं।

सुबह के वक्त लोग जब सोकर उठे तो बादल छाए हुए थे और एक बार के लिए ऐसा लग रहा था कि शीघ्र ही बारिश होने लगेगी, मगर कहीं-कहीं मामूली बूंदें पड़ीं। इसके बाद 10 बजे के लगभग थोड़ी धूप निकल आई, तब लगा कि शायद मौसम दिन में सामान्य रहेगा, लेकिन शीघ्र ही फिर से बादल छा गए जो शाम तक बने रहे। इस दौरान किसानों की धड़कनें बढ़ती रहीं, क्योंकि इस समय आलू की खोदाई और सरसों की कटाई चल रही है। हाल ही में पड़े ओलों के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ था, सरसों की फलियां झड़ गईं। सरसों की जो फसल खेतों में कटी पड़ी थी वह पानी में भीगने के कारण सड़ने के कगार पर पहुंच गई। इसकी वजह से और ज्यादा किसान ¨चतित दिखे। राजा का रामपुर क्षेत्र में भी तंबाकू की फसल को काफी नुकसान हुआ था। तमाम पत्ते फट गए थे और टूटकर गिर गए थे। इस कारण इस क्षेत्र के भी किसान काफी परेशान रहे। सुबह के वक्त ठंडी हवा भी चली, लेकिन दोपहर के समय थम गई। इस कारण तापमान ज्यादा नहीं बढ़ा, लेकिन बादलों ने सबको खूब छकाया। किसान बोले

-----------

अब अगर ज्यादा बारिश हुई या ओले पड़े तो हम सबको बहुत नुकसान होगा। इसलिए इस समय बारिश न हो तो अच्छा है।

- रामदास हम सबकी ईश्वर से प्रार्थना है कि ओले न पड़ें वरना किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

- भूरी ¨सह किसानों को ओलों के कारण पहले भी काफी नुकसान हुआ है, जिसकी वजह से अभी तक परेशान हैं।

- नीरज किसानों को पूर्व में जो क्षति हुई है उसका मुआवजा भी मिलना चाहिए, ताकि कुछ मरहम लग सके।

- सतेंद्र बघेल

chat bot
आपका साथी