शहर में बने सामुदायिक शौचालयों में लटक रहे ताले

शासन ने प्रत्येक शौचालय पर तीन से चार लाख तक की धनराशि खर्च की फिर भी खुले में शौच को जा रहे लोग

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:31 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 06:31 AM (IST)
शहर में बने सामुदायिक शौचालयों में लटक रहे ताले
शहर में बने सामुदायिक शौचालयों में लटक रहे ताले

जासं, एटा: खुले में शौच मुक्त करने के लिए जगह-जगह शासन ने सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया है, लेकिन शहर के अंदर बने कई सामुदायिक शौचालयों में ताले लटक रहे हैं। इससे लोगों को खुले में शौच करने के लिए जाना पड़ता है। इससे सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को झटका लग रहा है।

जिन लोगों के पास शौचालय बनवाने के लिए जमीन नहीं है। उन लोगों को शौचालय का लाभ दिलाने के लिए सरकार सार्वजनिक प्रसाधन केन्द्र तैयार कराए हैं। शासन ने तीन से चार लाख तक की धनराशि खर्च की है। इस धनराशि से तैयार हुए प्रसाधन केंद्र लोगों के लिए सुविधाजनक नहीं हो पा रहे हैं। इसके पीछे शौचालयों में लटकने वाले ताले हैं। शहर के अंदर बने शौचालयों की बात तो दूर की रही। नगर पालिका में तैयार हुआ प्रसाधन केंद्र का ही लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस जगह भी ताले लगे रहते हैं।

ईओ डा. दीप कुमार वाष्र्णेय ने कहा कि स्टाफ की कमी होने के कारण शौचालय बंद हैं। संस्था का चयन कर जल्द ही कर्मचारी की तैनाती करके उन्हें संचालित कराया जाएगा।

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पंचायत में बने शौचालयों का नहीं मिल रहा लाभ

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शौचालय सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार ने सार्वजनिक प्रसाधन केंद्र तैयार कराएं हैं। निर्माण में भी सरकार की मोटी रकम खर्च हुई है। इसके बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई जगह ग्राम पंचायत में बने शौचालयों पर ताले लगे होने के कारण ग्रामीण खेतों में शौच करने के लिए जाते हैं। गांव में बारिश के बाद हुए खेतों में जलभराव के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। डीपीआरओ आलोक कुमार प्रियदर्शी ने बताया कि शौचालयों की देखरेख करने के लिए महिलाओं की तैनाती की गई है। जिन पंचायतों में सार्वजनिक प्रसाधन केंद्र पर ताले लगे मिलते हैं तो संबंधित सचिव और एडीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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