कोरोना की जांच बढ़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर से आए लोगों पर फोकस

हर विकास खंड में ग्रामीण क्षेत्रों का रोस्टर निर्धारित कर सैंपल ले रहीं जांच टीमें

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 06:31 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 06:31 AM (IST)
कोरोना की जांच बढ़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर से आए लोगों पर फोकस
कोरोना की जांच बढ़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर से आए लोगों पर फोकस

जासं, एटा: प्रदेश शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद इस सप्ताह कोरोना जांच की रफ्तार तेज हो चली है। हर विकास खंड में ग्रामीण क्षेत्रों का रोस्टर निर्धारित कर जांच टीमें पहुंचकर सैंपल ले रही हैं। खासकर बाहरी क्षेत्रों से आए लोगों तथा उनके परिवारों पर फोकस किया जा रहा है।

15 अप्रैल तक जिले में प्रतिदिन कोरोना जांच का औसत 1000 से 1200 के मध्य ही रहा था। पंचायत चुनाव मतगणना से पूर्व जरूर अभिकर्ताओं के लिए जांच अनिवार्य होने के कारण यह दायरा 2000 जांचों तक पहुंचा, लेकिन इसके बाद फिर जांच की रफ्तार एंटीजन किट की कमी तथा स्वास्थ्य कर्मियों के भी संक्रमित होने के कारण थम गई। अभी पिछले सप्ताह शासन द्वारा टेस्टिग, ट्रेसिग तथा ट्रीटमेंट पर काम करने के निर्देश देने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में टीमें दौड़ाई जा रहीं हैं। अब तक शहरी क्षेत्रों में ही ज्यादा जांचें होती रहीं, अब गांवों में भी कुल जांचों का 60 फीसद लक्ष्य पूरा किया जा रहा है। यही वजह है कि फिर से प्रतिदिन होने वाली जांचों का अनुपात बढ़ा है। एंटीजन जांच के साथ-साथ टीमें आरटीपीसीआर नमूने भी ले रहीं हैं। अलीगंज, जैथरा, जलेसर, निधौली कलां के अलावा अन्य क्षेत्रों में सोमवार को 1700 से भी ज्यादा नमूने जांच के लिए गए। निगरानी समितियों द्वारा बाहर से आए लोगों को चिह्नित कर सौंपी गई सूची के आधार पर जांचें की जा रही हैं। इससे पूर्व 16 मई को जिले में 1712, 15 मई को 2230, 14 मई को 1894 कोरोना जांचें हुईं, जिनमें 60 फीसद से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों की ही हैं।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. राम सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोगियों की ट्रेसिग और फिर उनके समुचित उपचार के प्रयास किए जा रहे हैं।

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