पुनरीक्षण के हालात में टूटी स्थानांतरण की आस

जिले के अंदर तबादलों की थी उम्मीद चुनाव आयोग लगा चुका है अब रोक

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:44 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:44 AM (IST)
पुनरीक्षण के हालात में टूटी स्थानांतरण की आस
पुनरीक्षण के हालात में टूटी स्थानांतरण की आस

जासं, एटा: जिले के अंदर ही तबादलों की आस लगाए बैठे सैकड़ों शिक्षकों की उम्मीद अब खत्म हो गई है। एक नवंबर से होने वाले विधानसभा मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर तबादलों पर रोक लगाए जाने के बाद मंशा धरी की धरी रह गई। कारण यही है कि ज्यादातर शिक्षक ही पुनरीक्षण कार्य में बीएलओ के रूप में नियुक्त हैं।

यहां बता दें कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के बावजूद अंतरजनपदीय तबादलों की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों पर शासन की कृपा हो गई और सैकड़ों शिक्षक मनचाहे जिलों में पहुंच गए। एटा जिले से ही 650 शिक्षक-शिक्षिकाएं तबादला सूची में स्थान पा गए। उसके बाद जिले में ही अपने घरों से दूर क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों की भी उम्मीद बढ़ गई थी कि उन्हें भी जिले के अंदर होने वाले स्थानांतरण का लाभ जल्दी ही मिल जाएगा। कई बार शासन की ओर से जिले में समायोजन और स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने के संकेत तो मिलते रहे, लेकिन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। जुलाई, अगस्त में भी जिले के अंदर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद रही, लेकिन एक सितंबर से स्कूल खुल गए। अक्टूबर में स्थानांतरण की अंतिम आस थी, लेकिन अब एक नवंबर से विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्य कराए जाने को लेकर चुनाव कार्य में लगे शिक्षकों के भी तबादलों पर रोक लगा दी गई है। चूंकि एटा जिले में 2100 शिक्षक मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में बीएलओ और सुपरवाइजर के रूप में लगे हुए हैं और उनका स्थानांतरण अब नहीं हो सकेगा। उधर पुनरीक्षण को लेकर अब शासन की ओर से भी स्थानांतरण प्रक्रिया के संबंध में किसी भी तरह के निर्देश आना भी शिक्षकों को प्रतीक नहीं हो रहा। इस तरह शिक्षकों की मंशा तो अधूरी रह ही गई, बल्कि शिक्षक छात्र अनुपात दर्जनों स्कूलों में अव्यवस्थित होने से उत्पन्न समस्या का समाधान भी नहीं हो सका। कम तो कहीं अधिक शिक्षक

-पिछले तीन सालों से जिले में स्थानांतरण तथा समायोजन न होने के कारण स्कूलों में कहीं ज्यादा तो कहीं बच्चों के सापेक्ष कम शिक्षक हैं। अंतरजनपदीय तबादलों के बाद दो दर्जन से ज्यादा स्कूलों को खोलने के लिए दूसरे स्कूलों से शिक्षकों को संबद्ध कर काम चलाया जा रहा है। अब फिर से जिले के अंदर तबादले न हो पाने की वजह से उन स्कूलों में शिक्षकों की समस्या का निदान मुश्किल होगा। जहां कहीं एक तो कहीं पांच से ज्यादा शिक्षक हैं। बीएसए संजय सिंह का कहना है कि फिलहाल जिले के अंदर तबादलों के लिए कोई निर्देश नहीं हैं फिर भी कोई विद्यालय बंद नहीं है।

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