मनोबल रखा बरकरार, न मानी कोरोना से हार

कोरोना महामारी के मध्य अग्रिम पंक्ति में खड़े रहकर स्वास्थ्य सेवा देने

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 02:44 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 02:44 AM (IST)
मनोबल रखा बरकरार, न मानी कोरोना से हार
मनोबल रखा बरकरार, न मानी कोरोना से हार

जागरण संवाददाता, एटा: कोरोना महामारी के मध्य अग्रिम पंक्ति में खड़े रहकर स्वास्थ्य सेवा देने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। सेवा करते हुए वे पाजिटिव हो गए। होम क्वारंटाइन रहते हुए अपने सरकारी दायित्व को निभाया और दवा तथा देसी नुस्खों से स्वस्थ हो गए। कुछ इस तरह कोरोना को मात देने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निधौली कलां पर नियुक्त डाटा आपरेटर 32 वर्षीय गांव जिटौली निवासी विमल कुमार हैं।

कोरोना की लहर के बावजूद नियमित स्वास्थ्य केंद्र पर रहते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन किया। पिछले साल मई में एक चिकित्सक की शव यात्रा में शामिल होकर लौटे तो जांच कराने पर पाजिटिव आए। उस समय कोरोना के लक्षण भी उन्हें प्रतीत नहीं हो रहे थे लेकिन दो दिन बाद ही बुखार और गले में दिक्कत हुई। घर पर क्वारंटाइन होने के साथ उन्हें दवा की किट मिली जिसको खाना शुरू किया।

शरीर में कमजोरी भी महसूस होने लगी लेकिन हिम्मत ना हारने का निर्णय लिया। दवा के साथ आयुर्वेद काढ़ा, जूस गरम पानी नीबू के अलावा रात में हल्दी के साथ दूध लेते हुए ड्राई फूड का भी सेवन किया। भोजन में रोटी सब्जी दाल के साथ सलाद की मात्रा बढ़ाई। सप्ताह भर में लाभ मिलने लगा। उधर केंद्र पर काम का बोझ ना निपटने की स्थिति में घर से ही सरकारी काम करते रहे। इम्यूनिटी के लिए खानपान और पर्याप्त नींद का भी ध्यान रखा। विमल बताते हैं कि घर पर 15 दिन रहने के बाद उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन की। लगभग 2 महीने तक कमजोरी महसूस होने के कारण अच्छे खान-पान को बनाए रखा और कोरोना को मात देने में सफल रहे। वह मानते हैं कि कोरोना रोगियों को कतई नहीं डरना चाहिए। उन्होंने खुद रोगी रहते हुए परिवार को भी सुरक्षित रखने में सफलता पाई।

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