शिकायतें दरकिनार, कोटा पर वर्षों से अधिकार
दो दशकों से राशन वितरण की कमान संभाल रहे कई डीलर सुर्खियों वाले या राजनीतिक दबाव के मामलों में होती है कार्रवाई
एटा: जिले में तमाम राशन कोटे ऐसे हैं, जहां लंबे समय से पुराने चेहरों का कब्जा चला आ रहा है। शिकायतें होती भी हैं, लेकिन जांच में सब दब जाती हैं।
सकीट ब्लाक के गांव रजपुरा के राजन सिंह, अहमदपुर के रामनरेश, मुबारकपुर निबरुआ के सुरेश चंद्र, निधौली कलां में नगला खिल्ली के गयाप्रसाद, जैथरा में धुमरी के राजेंद्र सिंह और अहमदपुर की मीरा देवी ऐसे कोटा डीलर हैं, जिनकी दुकानें 20 वर्ष से भी अधिक समय से चल रही हैं। इस तरह के अन्य कई डीलर भी हैं, जिनका दबदबा दो दशक से बना हुआ है। यूं तो राशन डीलरों का पूरा खेल प्रधान और सत्ता के साथ बनता-बिगड़ता रहता है। राजनीतिक दबाव में विरोधी डीलरों की शिकायतें और उन पर कार्रवाई के हथकंडे आजमाए जाते हैं। लेकिन अनुभवी पुराने लोगों ने हर तरह की सत्ता और सिस्टम के साथ मिलकर काम करना सीख लिया है। कोई भी सरकार हो या जनप्रतिनिधि, ये सभी के साथ मिलकर अपना काम आगे बढ़ाते जा रहे हैं। इस तरह के अधिकांश डीलरों के बुजुर्ग होने की स्थिति में पूरा काम उनकी संतान या अन्य स्वजन कर रहे हैं।
इस वित्त वर्ष में हुई कार्रवाई
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20 दुकानें निरस्त
17 दुकानों का निलंबन
17 कोटा डीलरों पर एफआइआर
70 हजार रुपये की जमानत राशि की गई जब्त
01 लाख रुपये वसूला गया समन शुल्क
803 जिले में कुल राशन डीलर वर्जन
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राशन डीलरों के खिलाफ शिकायतें सही पाए जाने या कालाबाजारी, घटतौली आदि पकड़े जाने की स्थिति में कार्रवाई की जाती है। इस साल में 37 दुकानों के निलंबन और निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी है।
- राजीव कुमार मिश्रा, डीएसओ