खुशी की हरियाली, स्वजन ही माली, रोजमर्रा की जिदगी में मिलता है खास आनंद
स्वजन की तरह ही करते हैं पौधों की देखभाल
जासं, एटा: फूलों की महक और अपने घर में लगे तरह-तरह के पौधों की हरियाली की चमक उन्हें आनंदित करती है। वह चाहे जनप्रतिनिधि हैं या फिर अधिकारी यहां तक की गृहणीऔर प्रबुद्धजन इसी आनंद की अनुभूति और पर्यावरण प्रेम के वशीभूत होकर माली की भूमिका में भी नजर आते है। उन पेड़-पौधों के बीच उनकी खुशियां और आनंद भी खास होता है। घर में ही बगीचा और फुलवारी उनका शौक ही नहीं बल्कि जीवन का शगल बन चुका है। सबसे है न्यारी, जनप्रतिनिधि की फुलवारी
राज्यसभा सदस्य हरनाथ सिंह यादव का पर्यावरण प्रेम दूसरों को नसीहत देने वाला है। शहर के शांति नगर स्थित आवास पर उनकी फुलवारी और बगीचा सबसे खास है। गांव में पले बढ़े और हरियाली के संग ऐसा रिश्ता बनाया कि अब ढलती उम्र में भी उनके घर की हरियाली उन्हें जवां किए है। उनकी फुलवारी में सैकड़ों प्रजातियों के फूल तो है ही वहीं देश-विदेश की प्रमुख वनस्पति भी हैं, जो कि उन्होंने काफी प्रयासों से यहां संजोय है। घर के द्वार से लेकर छत पर लोन चारों ओर हजारों पौधे है। सुबह उठकर फुलवारी की देखभाल खुद माली की तरह करना दिनचर्या में है। जैसे कामों के बावजूद वह समय निकाल खाद पानी और अपनी वाटिका में हर पौधे की चिता रखते हैं। सालों से उनका यह शगल औरों के लिए प्रेरणा है। खास है क्रीड़ा अधिकारी का हरियाली प्रेम
जिला क्रीड़ा अधिकारी सिराजुद्दीन कभी पर्यावरण प्रेम कम नहीं है। चार साल पहले स्टेडियम में आए तो हरियाली खास नहीं थी। आवास कैंपस में ही था तो धीरे-धीरे पौधे लाकर लगाना शुरू कर दिया। इसके साथ उन पेड़ पौधों से ऐसा लगाव हुआ कि सुबह उठकर व्यायाम के साथ पौधों की हर जरूरत खुद पूरी करते चले आ रहे हैं। इस काम में किसी कर्मचारी की भी मदद नहीं लेते। कुछ साल में यहां बगीचा औरों को आकर्षित करता है। मालिक बनकर पौधों को सींचते और उनके हरे भरे रहने की चाहत हर समय रहती है। वो कहते हैं कि जो खुशी और आनंद पेड़ पौधों के साथ मिलता है, उसकी अनुभूति ही अलग है। महिलाओं को भी कम नहीं प्रकृति प्रेम
शहर के शांति नगर निवासी गृहणी आलोका गुप्ता हो या फिर बचत अभिकर्ता राजेश्वरी मिश्रा अपने कार्यों के अलावा उन्होंने भी घर पर खास बगीचा बनाया है। विद्यार्थी जीवन से मिली प्रेरणा आज गृहस्थ जीवन में भी रोज माली बनकर पेड़-पौधों की देखभाल अपनों की तरह कर रही हैं। उनकी गृह वाटिका में भी हर साल पौधे बढ़ते जा रहे हैं। गिलोय, तुलसी व एलोवेरा अब खास
कोरोना संक्रमण के मध्य अब लोगों में खास पौधे घर में लगाने को उत्साह बढ़ा है। तुलसी तो पहले भी खास थी अब गिलोय, एलोवेरा भी घरों में लगाने की दिलचस्पी बढ़ी है। गायत्री परिवार जैन महिला संगठन जैसी संस्थाएं भी प्रयास कर रही है। गृह वाटिका के लिए यह भी अच्छे पौधे
घरों के लिए वैसे तो कई तरह के पौधे हैं, लेकिन आक्सीजन उपलब्धता के लिए एरिका पाम, एरोकेरिया, स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट, फिलोदेड्रोन, पीस लिली, कनेर, मनी प्लांट, तुलसी ऐसे हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए भी किसी न किसी रूप में लाभदायक हैं। प्रकृति का उपहार, हरियाली से करें प्यार
- जब-जब प्रकृति से छेड़छाड़ हुई है तब-तब जनमानस को आपदाओं का सामना करना पड़ा। वैदिक काल से पेड़ पौधे पूजनीय हैं। दैनिक जागरण अच्छे पौधे लगाने का अभियान सराहनीय है, जो लोग अब नहीं है उनके लिए एक पौधा हर युवा लगाएं। मेधाव्रत शास्त्री, संस्थापक भारतोदय समिति
- इस बार भी दैनिक जागरण ने बेहतर पहल की है। मुख्य सरोकारों के तहत पौधररोपण की इस पहल में व्यापारी समाज पूरी तरह से सहयोगी रहेगा तथा सुरक्षित स्थानों पर दिवंगत व्यापारियों की स्मृति में पौधे लगाना उनके लिए हरित श्रद्धांजलि होगी। अतुल राठी, जिला अध्यक्ष युवा व्यापार मंडल