व्यक्ति के चितन पर निर्भर करती अच्छाइयां और बुराइयां

बड़े जैन मंदिर में चल रहा कल्याण मंदिर स्त्रोत शिविर गणाचार्य ने लोगों को समझाया अछे मित्र का महत्व

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Aug 2021 05:43 AM (IST) Updated:Fri, 20 Aug 2021 05:43 AM (IST)
व्यक्ति के चितन पर निर्भर करती अच्छाइयां और बुराइयां
व्यक्ति के चितन पर निर्भर करती अच्छाइयां और बुराइयां

जासं, एटा: शहर के पुरानी बस्ती स्थित बड़े जैन मंदिर में चल रहे कल्याण मंदिर स्त्रोत शिविर में गणाचार्य विराग सागर ने व्यक्ति के चितन के प्रभावों को बताया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के चितन पर ही उसकी अच्छाइयां और बुराइयां निर्भर रहती है।

गणाचार्य ने कहा कि सकारात्मक दिशा में चल रहा चितन व्यक्ति को निरंतर उन्नति के सोपान की ओर ले जाता है। जीवन में वह निरंतर उपलब्धियां पाता है। वहीं नकारात्मक चितन उसे मनोरोगी बना सकता है। गलत निर्णयों के सहारे उसका जीवन नरकतुल्य बन जाता है। सोच को सकारात्मक और नकारात्मक बनाने में उसके मित्रों का बहुत बड़ा योगदान होता है। ऐसे में मित्रों का चयन बड़ी की सावधानी के साथ करना चाहिए। उन्होंने सच्चे मित्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वह ही व्यक्ति के जीवन को सार्थक बनाने की दिशा में सहायक होता है। शिविर में श्रद्धालुओं ने स्त्रोत पाठ किया। आलोक जैन, नीतू, सुप्रभ राय, रिया, रोहित, अलंकृत, धीरू, चेतना, बीना, शताक्षी, स्नेहलता, अर्चना, रानी, नितिन, रोबिन एड समेत लोग मौजूद थे।

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