गैस की कीमतों ने बिगाड़ा रसोई का बजट, दो माह में बढ़े 200 रुपये
सिर्फ 17 रुपये मिल रही सब्सिडी फरवरी में ही बढ़ गए 100 रुपये
जासं, एटा: आसमान छू रही घरेलू गैस की कीमत ने रसोई के आंसू निकाल दिए। रसोई का बजट तो बिगड़ ही रहा है, साथ ही लोगों में महंगाई के कारण असंतोष भी बढ़ रहा है। दो महीनों में ही 200 रुपये बढ़ गए। फरवरी में तीन बार कीमत में वृद्धि की गई। गैस सिलिडर दो महीने पहले 623 रुपये 50 पैसे का था वह अब 823 रुपये 50 पैसे में मिल रहा है।
गैस की बढ़ी कीमतों का असर उपभोक्ताओं की जेबों पर सीधा पड़ रहा है। एक एजेंसी संचालक के मुताबिक दिसंबर में सरकार ने 623 रुपये 50 पैसे कीमत तय की थी, लेकिन दिसंबर में ही 50 रुपये बढ़ा दिए गए और कीमत 673 रुपये 50 पैसे हो गई। इसके बाद फिर से 50 रुपये इसी महीने बढ़ाए गए। जनवरी में कीमत नहीं बढ़ाई गई, जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को लगा कि शायद अब दाम स्थिर हो गए हैं, लेकिन फरवरी में उनका यह भ्रम टूट गया और एक साथ 50 रुपये बढ़ा दिए गए, जिससे कीमत 723 रुपये 50 पैसे पहुंच गई। इसके बाद दो बार 25-25 रुपये बढ़ाए गए। इस तरह से दो महीने में 200 रुपये बढ़ गए। डाउन हो रही सेल:
एटा जनपद में चार लाख से अधिक कुल गैस उपभोक्ता हैं, लेकिन जब से गैस की कीमतें बढ़ीं हैं तब से सेल डाउन हो रही है। फौजी गैस सर्विस के संचालक सत्यदेव गुप्ता फौजी ने बताया कि कीमतें बढ़ने का सेल पर विपरीत असर पड़ रहा है। गैस अभिकर्ता जब सिलिडर लेकर लोगों के घर जाते हैं तो उन्हें तरह-तरह के सवालों का सामना भी करना पड़ता है। सब्सिडी को तो बाय-बाय:
तमाम उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी अब पहले जितनी नहीं पहुंचती, सिर्फ 17 रुपये ही पहुंच रहे हैं। इसका प्रतिकूल असर भी सेल डाउन कर रहा है। एचपी गैस सर्विस के संचालक विनोद कुमार ने बताया कि उनके यहां 25 फीसद तक सेल डाउन हुई है। इसका एक कारण यह भी है कि उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिलती, इसलिए वे कहीं से भी सिलिडर ले लेते हैं, इससे कंपनियों को घाटा होता है। महिलाएं बोलीं कीमत घटाओ:
सरकार को गैस की कीमतों पर तत्काल लगाम कसनी चाहिए। रसोई का बजट बिगड़ रहा है, तत्काल बढ़ी कीमतें वापस ली जाएं।
- संध्या अब तो सब्सिडी भी नहीं मिलती तो फिर गैस की कीमत क्यों बढ़ाई जा रही है। यह सवाल हम सबकी समझ से परे है, सब्सिडी के नाम पर धोखा दिया जा रहा है।
- ममता अगर गैस की कीमतें यूं ही बढ़ती रहीं तो हम महिलाओं को सड़कों पर आना पड़ेगा, इसलिए समय रहते सरकार को कीमत घटा देनी चाहिए।
- सुधा कोरोना काल में पहले ही सबको घाटा हो चुका है, ऊपर से गैस की कीमत बढ़ा दी गई। ऐसे में जेबों पर बोझ बढ़ रहा है, सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
- रीना