रोडवेज कर्मियों ने एक-एक पौधे से बना दिया बगीचा

अधिकारी कर्मचारियों की यादें संजो रहा रोडवेज कार्यशाला का उद्यान प्रदूषण को लेकर आया विचार और शुरू हो गया पौधारोपण का सिलसिला

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 05:44 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:44 AM (IST)
रोडवेज कर्मियों ने एक-एक पौधे से बना दिया बगीचा
रोडवेज कर्मियों ने एक-एक पौधे से बना दिया बगीचा

जासं, एटा: कहते हैं एक-एक बूंद से सागर भरा जा सकता है। उसी तरह एक-एक पौधा लगाने से हजारों जिदगी सुरक्षित रह सकती हैं। कुछ इसी मंशा से नौ साल पहले एक रोडवेज अधिकारी ने पहल की। रोडवेज कार्यशाला में अधिकारी कर्मचारियों की यादों को पौधों से संजोया गया। कुछ सालों में ही इन पौधों से सुंदर बगीचा किसी का भी मन आकर्षित कर सकता है।

बात पर्यावरण को लेकर संजीदगी और जज्बे की है। वर्ष 2012 में तत्कालीन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव कुमार ने रोडवेज कार्यशाला में वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर विचार किया। ख्याल आया कि नुकसान रोडवेजकर्मियों के स्वास्थ्य का ही है क्यों ना कार्यशाला में हरियाली की मुहिम छेड़ी जाए। यहां काफी भूभाग गंदगी से प्रभावित था। कुछ जमीन को साफ कराते हुए समतल कराया और खुद पौधा रोकने के साथ उस समय मौजूद अन्य अधिकारियों से भी पौधे लगवाए। यह भी नियम बनाया के वर्कशॉप आने वाले उच्चाधिकारी या फिर कोई भी नया अधिकारी आए वह एक पौधा जरूर लगाएं। सेवानिवृत्ति पर हर कर्मचारी से और दिवंगत रोडवेज कर्मियों की यादगार के लिए उनके परिवारीजनों से पौधा लगवाए गए। समय गुजरता गया अधिकारी आते जाते रहे और कर्मचारी भी सेवानिवृत्त या दिवंगत हुए। पहल के तहत एक एक पौधा बढ़ता गया और अब कार्यशाला का बगीचा हरियाली के साथ पर्यावरण संरक्षण का केंद्र बन गया है। वैसे तो कई रोडवेज कर्मी इस बगीचे की देखभाल कर रहे हैं। फोरमैन डीएम सक्सेना ,जूनियर फोरमैन मुजीब अहमद पूर्व अधिकारी की पहल को पूरी शिद्दत से आगे बढ़ा रहे हैं। भले ही है हरा भरा बगीचा बृहद रूप ले रहा है लेकिन अन्य महकमों तथा उन लोगों को भी पौधे लगाने की सीख दे रहा है जो यह सोचते हैं कि एक पौधा लगाने से क्या होगा। पौधारोपण कि इस पहल को शुरू करने वाले एआरएम कासगंज संजीव कुमार कहते हैं कि उन्हें खुशी है कि एटा डिपो में आज भी साथी हरियाली की श्रंखला बरकरार रखे हुए हैं। हर पेड़-पौधे पर लगी पट्टिका:

रोडवेज वर्कशाला के बगीचा में सालों पहले लगे पौधे बड़े वृक्ष बन चुके हैं। यहां मंडल जिला के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों के लगाए गए हर पौधे पर उनकी नाम पट्टिका लगी है। पेड़ पौधे बरसों बाद भी उन सभी की यादों को बनाए हुए हैं जिनके हाथों से पौधे लगे। कई डीएम, आरएम, एआरएम ही नहीं बल्कि सैकड़ों रोडवेज कर्मियों की यादों से जुड़ा बगीचा औरों के लिए भी नसीहत है। - जिस समय पहला पौधा लगा तब उम्मीद नहीं थी कि यह पहल आगे तक पहुंचेगी। अब यह बगीचा दिल को सुकून और कुछ पल बैठने से थकान दूर कर देता है। कई पूर्व अधिकारी और कर्मचारी अपने पौधों को आज भी आकर देखते हैं और खुशी मिलती है।

मुजीब अहमद जूनियर फोरमैन

- कार्यशाला का बगीचा रोडवेज कर्मियों के बच्चों को भी प्रेरित कर रहा है, जब उन्हें यह बगीचा दिखाकर उनके पिता बताते हैं कि जो वृक्ष बन चुका है वह पौधा उन्होंने ही लगाया था। जहां गंदगी थी आज वह स्थान यहां की शान है।

ऋषि दीक्षित, सहायक यातायात निरीक्षक पर्यावरण सबका, हम भी बनें प्रहरी

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- अपने लिए तो सब जीते हैं लेकिन सबके लिए जीने की टीस पर्यावरण संरक्षण के रूप में होनी चाहिए। दैनिक जागरण की पहल जरूर सार्थक होगी। हमारी संस्था ने भी निर्णय लिया है कि इस बार कोरोना से दिवंगत लोगों की स्मृति में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएंगे। सभी को इस कार्य मैं आगे आना चाहिए।

अनुज प्रताप सिंह जोन प्रभारी लायंस क्लब

- पर्यावरण संरक्षण में वामा संस्था पहले भी काम करती रही है। कुछ सालों के अनुभव में देखा कि महिलाएं पर्यावरण बचाने के मामले में खुद को अलग रखना चाहती हैं। इस बार खुद तथा जागरूक महिलाओं से यही आग्रह करूंगी कि वह भी दैनिक जागरण के पौधारोपण अभियान का हिस्सा बनकर पौधारोपण करें। संस्था पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पित है। डॉ निरुपमा वर्मा, संस्थापक वामा संस्था

- पर्यावरण बचाने के लिए जरूरी है कि सामाजिक जागरूकता की जाए। इसके लिए जरूरी है कि साहित्य भी हिस्सा बने। मेरा इस बार यही संकल्प है कि लोगों तक पर्यावरण जागरूकता का साहित्य पहुंचा सकूं। संस्कार भारती दैनिक जागरण के पौधारोपण अभियान की सफलता के लिए सहयोग को तत्पर है।

डा. प्रेमी राम मिश्र, संरक्षक संस्कार भारती व पूर्व विभागाध्यक्ष हिदी जेएलएन कॉलेज

- पर्यावरण की अनदेखी कर सांसों के लिए मुसीबतें बढ़ चुकी है यह बात साबित हो चुकी है। दैनिक जागरण की पहल सार्थक होगी इसके लिए संस्कार मानव सेवा समिति भी पौधारोपण में अहम भूमिका निभाने के लिए तत्पर है।

अमित चौहान, अध्यक्ष संस्कार मानव सेवा समिति

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