बुखार से पांच की मौत, डेढ़ दर्जन लोगों में डेंगू की पुष्टि

ग्रामीण क्षेत्रों में और ज्यादा बिगड़ रहे हालात स्वास्थ्य शिविर लगाए बुखार पीड़ितों के हुए रैपिड टेस्ट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 05:07 AM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 05:07 AM (IST)
बुखार से पांच की मौत, डेढ़ दर्जन लोगों में डेंगू की पुष्टि
बुखार से पांच की मौत, डेढ़ दर्जन लोगों में डेंगू की पुष्टि

जासं, एटा: एक डेंगू पीड़ित समेत बुखार से पांच लोगों की मौत हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही हैं, डेढ़ दर्जन लोगों में एलाइजा टेस्ट के डेंगू की पुष्टि हुई है। मेडिकल कालेज के सभी वार्ड फुल हैं।

गांव बिल्सड़ पछायां और बिल्सड़ पट्टी में तीन लोगों की मौत हुई है। बिल्सड़ पछायां निवासी 25 वर्षीय निर्मल पांडेय डेंगू से पीड़ित थे, कई दिन से उनका उपचार चल रहा था, लेकिन प्लेटलेट्स निरंतर डाउन होती चली गई। उन्हें एटा से बाहर भिजवाया गया, जहां उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। जबकि गांव बिल्सड़ पछायां में इरफान की आठ माह की बेटी सुगरा कई दिन से बुखार से पीड़ित थी। शनिवार को उसने दम तोड़ दिया। बिल्सड़ पट्टी निवासी 80 वर्षीय किशनलाल दीक्षित कई दिन से बुखार से पीड़ित थे, उनकी भी मौत हो गई। राजा का रामपुर के मुहल्ला गड़रियान के रहने वाले 60 वर्षीय जमादार सिंह भी बुखार से पीड़ित थे, पांच दिन से उनका इलाज चल रहा था, अंतत: उन्होंने दम तोड़ दिया। जलेसर में बिट्टू भारद्वाज की मौत हो गई। बिट्टू अपने मामा अशोक भारद्वाज के पास रहते थे, कई दिन से बीमार चल रहे थे। उन्हें आगरा में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बिट्टू की मौत पर जलेसर कस्बा के लोगों ने शोक जताया। दूसरी तरफ मृतकों के घरों में कोहराम मचा है, लेकिन डेंगू का कहर कम नहीं हो पा रहा।

स्वास्थ्य विभाग एंटी लार्वा दवा के छिड़काव का दावा कर रहा है, लेकिन डेंगू के मरीजों की तादात जिस तरह से बढ़ रही है उसे देखकर यही लग रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। उधर, एलाइजा टेस्ट के दौरान डेढ़ दर्जन और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है, इनमें से कुछ को मेडिकल कालेज भिजवाया गया तथा शेष अन्य विभिन्न अस्पतालों में ले जाए गए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है जिनकी प्लेटलेट्स अधिक डाउन हैं। मरीजों को जंबो पैक की आवश्यकता पड़ रही है, लेकिन यहां इस काम के लिए कोई भी ब्लड बैंक सक्षम नहीं है।

सीएमओ डा. उमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सभी मरीजों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर भी लगाए जा रहे हैं। दवा का छिड़काव निरंतर करने के निर्देश दिए गए हैं।

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