एटा में बुखार से पांच की मौत, बिल्सड़ में स्वास्थ्य विभाग की टीम का डेरा

एक महिला ने मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में दम तोड़ा ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए शिविर की जा रही रैंडम टेस्टिग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 05:35 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 05:35 AM (IST)
एटा में बुखार से पांच की मौत, बिल्सड़ में स्वास्थ्य विभाग की टीम का डेरा
एटा में बुखार से पांच की मौत, बिल्सड़ में स्वास्थ्य विभाग की टीम का डेरा

जासं, एटा: बुखार से पांच लोगों की मौत हो गई। इन लोगों को चार-पांच दिन से बुखार आ रहा था। इनका इलाज जनपद से बाहर के अस्पतालों में चल रहा था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया, जबकि नौ लोग और डेंगू पीड़ित मिले हैं।

बुखार से राजा का रामपुर क्षेत्र के गांव बिल्सड़ में 45 वर्षीय भोले और 55 वर्षीय रमेश दीक्षित तथा मारहरा विकास खंड के गांव सिरसा बदन में 32 वर्षीय शैलेंद्र सिंह तथा अवागढ़ कस्बा के मुहल्ला कछपुरा में 11 वर्षीय आदिका और फीरोजाबाद जनपद के गांव नगला अयान निवासी 25 वर्षीय अर्चना की मौत हो गई। इन लोगों को चार-पांच दिन से बुखार आ रहा था। इनमें से अर्चना ने मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में दम तोड़ा, जबकि बाहर के अस्पतालों में चार लोगों की मौत हुई है। जनपद में बिल्सड़ के हालात अधिक खराब हैं, यहां घर-घर में चारपाइयां बिछी हुईं हैं। बिल्सड़ में अब तक आठ लोगों की मौत बुखार से हो चुकी है, यहां से आए दिन मरीज बाहर भर्ती कराए जा रहे हैं। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप कर रही है, लेकिन फिर भी लोग झोलाछापों के यहां भी इलाज करा रहे हैं, जहां कई केस बिगड़ चुके हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. उमेशचंद्र त्रिपाठी स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ बिल्सड़ पहुंचे और वहां रैंडम टेस्टिग कराई बुखार पीड़ितों को दवा भी वितरित की गई। सीएमओ ने बताया कि बिल्सड़ में स्वास्थ्य विभाग की टीम निरंतर कैंप करेगी। लोगों को झोलाछापों के यहां इलाज कराने से बचना चाहिए। उधर, एलाइजा टेस्ट के दौरान नौ लोग और पीड़ित मिले हैं। सिरसा बदन में दम तोड़ चुके दस लोग

--मारहरा : गांव सिरसा बदन में पिछले एक माह से बुखार का प्रकोप है। गांव की स्थिति यह है कि घर घर बुखार से पीड़ित रोगियों की चारपाई बिछी हुईं हैं। दर्जनों रोगी कासगंज, अलीगढ़ और आगरा के अस्पतालों में भर्ती हैं।

बुखार के चलते ही सिरसा बदन के 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से कुछ के डेंगू होने की पुष्टि भी चिकित्सकों द्वारा की गई थी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरुआत में जांच एवं उपचार शिविर लगाए गए थे, लेकिन इसके बाद प्रशासन द्वारा गांव में साफ-सफाई और इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। ग्रामीणों की मांग है कि बीमारियों के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए प्रशासन द्वारा गांव में नियमित शिविर लगाया जाना बेहद आवश्यक है। मांग करने वालों में जयप्रकाश राजपूत, किशन कुमार, रीतेश कुमार, अशोक, राजेश, पप्पू, भरत सिंह, मुकेश आदि प्रमुख हैं। जलेसर में भी हालात खराब

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जलेसर : जलेसर विकास खंड क्षेत्र में भी बुखार के चलते हालात खराब हैं। गांव गणेशपुर, पटना, मुढई प्रहलादनगर, पुन्हैरा, पिलखतरा, सकरौली, काजीपुर बदनपुर, बेरनी में बुखार के कारण घर-घर चारपाइयां बिछी हुईं हैं। कई लोग मौत के मुंह में जा चुके हैं और तमाम लोग बाहर के अस्पतालों में भर्ती हैं।

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