झोंपड़ी में लगी आग, दो ग्रामीण जिदा जले

अलाव जलाने के बाद दोनों सो गए थे झोंपड़ी में दोनो के खेत हैं पास-पास कर रहे थे फसल की रखवाली

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 06:34 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 06:34 AM (IST)
झोंपड़ी में लगी आग, दो ग्रामीण जिदा जले
झोंपड़ी में लगी आग, दो ग्रामीण जिदा जले

जासं, एटा: गांव पिपहरा में मंगलवार देर रात एक झोंपड़ी में लगी आग में दो ग्रामीण जिदा जल गए। जब तक आग बुझाने के लिए पहुंचे, तब तक सब कुछ राख हो चुका था। दोनों किसान फसल की रखवाली के लिए झोंपड़ी में सो रहे थे।

थाना जैथरा के गांव पिपहरा निवासी कालीचरन (40 वर्ष) और राधेश्याम (35 वर्ष) गांव से करीब 300 मीटर दूर झोंपड़ी में सो रहे थे। ठंड से बचने को उन्होंने झोंपड़ी में ही अलाव जला रखा था। दोनों एक ही चारपाई पर सो गए और अलाव जलता रहा। इसी में पशुओं के लिए करब (भूसा) भी रखी हुई थी। रात किसी समय इसने आग पकड़ ली। राधेश्याम और कालीचरन के जले हुए शव चारपाई से थोड़ी दूर दीवार के पास मिले हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आग से बचने के लिए दोनों ने भागने की कोशिश की लेकिन झोंपड़ी से सटी दीवार से टकराकर गिर पड़े। लपटों से घिरने पर उन्हें फिर भागने का अवसर नहीं मिला। ग्रामीण जब तक पहुंचे तब तक सब जल चुका था। उन्होंने कालीचरन और राधेश्याम को मृत अवस्था में पड़े देखा। दोनों का शरीर पूरी तरह जल चुका था।

मृतक राधेश्याम के भतीजे मनोज ने बताया कि अलाव के कारण आग लगी थी। इंस्पेक्टर विनय कुमार शर्मा ने बताया कि मामले में कोई एफआइआर दर्ज नहीं कराई गई है। आग लगते ही जान बचाने को भागी गाय:

झोंपड़ी में एक गाय भी बंधी थी। माना यह जा रहा है कि आग लगते ही गाय ने खूंटा तोड़ लिया और वह भाग निकली। आग से गाय का मुंह भी झुलस गया है। मंदिर में रहते थे कालीचरन:

कालीचरन तीन वर्ष पूर्व तक ट्रक चालक थे। उनका एक भाई शिवपाल साधू होकर किसी मठ में रहने लगा। तब से कालीचरन झोंपड़ी से सटे एक मंदिर की कोठरी में पत्नी माया के साथ रहते थे। झोंपड़ी राधेश्याम की थी। राधेश्याम का मकान गांव में भी है, लेकिन वे अपने तीन बीघा खेत की रखवाली के लिए झोंपड़ी में ही सोते थे। मंगलवार रात कालीचरन भी उन्हीं के साथ एक ही चारपाई पर सो गए थे। रात में माया ने जब देखा कि झोंपड़ी में आग लगी है तो गांव जाकर तत्काल सूचना दी। गांव वाले जब तक पहुंचे, तब तक वहां सब कुछ जल चुका था। दोनों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं:

कालीचरन और उनके भाई साधू शिवपाल के हिस्से में डेढ़-डेढ़ बीघा जमीन है। शिवपाल अविवाहित हैं। राधेश्याम और उनके छोटे भाई मनोज के हिस्से में भी इतनी ही जमीन है। खेत में गेहूं की फसल है, राधेश्याम अविवाहित हैं, जबकि उनके छोटे भाई की शादी हो चुकी है। कालीचरन ने अपने पीछे अपनी पत्नी और एक साल की बेटी को छोड़ा है। तीन वर्ष पूर्व ही उनकी शादी हुई थी। दिन में ट्रैक्टर रैली में शामिल हुए थे:

राधेश्याम के चचेरे भाई सतीश चंद्र ने बताया कि मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर रैली में राधेश्याम ने भाग लिया था। वह शाम चार बजे लौट आए थे। इसके बाद झोंपड़ी में ही रुक गए थे।

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