जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी, बिगड़ जाती हालत

प्लेटलेट्स कम होते ही रेफर करने पड़ रहे डेंगू के मरीज मेडिकल कालेज में और बढ़ाए गए बेड

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 05:50 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 05:50 AM (IST)
जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी, बिगड़ जाती हालत
जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी, बिगड़ जाती हालत

जासं, एटा: बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है। इधर, जांच रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। इससे मरीजों की हालत और ज्यादा बिगड़ जाती है। डेंगू की पुष्टि होने में दो दिन का वक्त लग जाता है क्योंकि एलाइजा जांच की व्यवस्था अभी भी मेडिकल कालेज में नहीं हो पाई है। अलीगढ़ से ही जांच रिपोर्ट मंगानी पड़ रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों स्वास्थ्य विभाग शिविर लगा रहा है, जहां रैपिड टेस्ट के जरिए बुखार पीड़ितों की जांच की जा रही है। एनएस-1 रेपिड टेस्ट के दौरान सिर्फ डेंगू के प्रारंभिक लक्षण ही पकड़ में आते हैं। पूरी तरह से डेंगू की पुष्टि नहीं हो पाती। इसलिए जिनके अंदर प्रारंभिक लक्षण पाए जाते हैं उनका एलाइजा टेस्ट कराया जाता है। यह सैंपल अलीगढ़ भेजे जाते हैं, दो दिन बाद रिपोर्ट आ पाती है। ऐसे में अगर कोई डेंगू पीड़ित होता है तो उसका समुचित तरीके से इलाज जांच रिपोर्ट के अभाव में समय से शुरू नहीं हो पाता। अगर किसी का एलाइजा टेस्ट नहीं हुआ है और अन्य जांच में प्लेटलेट्स कम आ रही हैं तो यहां से मरीजों को तत्काल आगरा, अलीगढ़, सैफई के लिए रेफर कर दिया जाता है।

यह व्यवस्था शुरू से ही चल रही है, जबकि होना यह चाहिए कि तत्काल एलाइजा जांच हो और रिपोर्ट भी शीघ्र मिले, तब ठीक तरह से डेंगू का इलाज शुरू किया जा सकता है। इस बीच मेडिकल कालेज में 30 बेड और बढ़ा दिए गए हैं क्योंकि सभी वार्ड पहले से ही फुल चल रहे थे। अच्छी बात यह भी है कि प्रत्येक मरीज को मच्छरदानी भी उपलब्ध कराई गई हैं। सीएमएस डा. राजेश अग्रवाल ने बताया कि मेडिकल कालेज में बेड की संख्या बढ़ा दी गई है और जो भी मरीज भर्ती करने लायक आ रहा है उसे हम भर्ती कर रहे हैं। तीन में से सिर्फ एक की जांच

-मेडिकल कालेज में अव्यवस्थाएं भी हैं। कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव रौरिया निवासी रवेंद्र सिंह का पूरा परिवार बुखार से पीड़ित है। हालात बिगड़ने पर वे अपने बेटा मयंक, बेटी प्रतिभा और पत्नी अर्चना को लेकर मेडिकल कालेज आए। उन्होंने बताया कि बहुत ज्यादा कहने पर डेंगू की जांच सिर्फ बेटा की ही की गई, पत्नी और बेटी का रेपिड टेस्ट तक नहीं किया, जबकि बेटा में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं। अब चिकित्सक सभी को रेफर करने के लिए कह रहे हैं।

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