बुखार से एक बच्चे की मौत, बच्ची में पैरालाइसिस के लक्षण

बुखार से पीड़ित बचे दिनभर प्राइवेट डाक्टरों के क्लीनिक पर पहुंचते रहे। जिला अस्पताल के पीकू वार्ड में सात बचे अभी भी भर्ती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 05:30 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 05:30 AM (IST)
बुखार से एक बच्चे की मौत, बच्ची में पैरालाइसिस के लक्षण
बुखार से एक बच्चे की मौत, बच्ची में पैरालाइसिस के लक्षण

जागरण संवाददाता, एटा : जनपद में बुखार का प्रकोप बरकरार है। रविवार का दिन होने की वजह से सरकारी अस्पतालों में ज्यादा मारामारी नहीं रही, लेकिन शाम के वक्त बुखार से एक बच्चे की मौत हो गई। इसके साथ ही मरने वाले बच्चों की संख्या अब चार हो गई है। मेडिकल कालेज के पीकू वार्ड में सात बच्चे अभी भी भर्ती हैं। मैनपुरी जनपद की बुखार पीड़ित बच्ची में पैरालाइसिस के लक्षण पाए गए हैं। उसकी दायीं साइड की बांह और पैर काम नहीं कर रहे।

मेडिकल कालेज के पीकू वार्ड में जो बच्चे भर्ती हैं, उनमें अधिकांश मैनपुरी, कासगंज जनपदों के हैं। कुछ बच्चे एटा जिले के भी भर्ती कराए गए हैं, जिनका उपचार चल रहा है। इस बीच रविवार को मेडिकल कालेज की ओपीडी बंद होने के कारण नए बच्चों की जांच नहीं हो पाई, जो बच्चे भर्ती कराए गए हैं उनकी हालत में अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। मेडिकल कालेज में बच्चों का इलाज कर रहे डा. अंशुल गुप्ता ने बताया कि मैनपुरी जनपद के हरियारा गांव निवासी अजय कुमार की 4 वर्षीय बेटी अंकिता बुखार पीड़ित है और उसमें पैरालाइसिस के लक्षण पाए गए हैं। उसकी सोमवार को जांचें की जाएंगी। वहीं शाम के वक्त गांव ककरावली कोतवाली देहात एटा निवासी डोरीलाल के सात वर्षीय बेटे सोनू की मौत हो गई। परिवार के लोग इमरजेंसी लेकर आए मगर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। प्लेटलेट्स कम होने की शिकायतें अधिक

जो बच्चे बुखार के शिकार हैं उनमें प्लेटलेट्स कम होने की शिकायतें अधिक मिल रही हैं। पैथोलाजी में जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि जांच के दौरान बुखार के मरीजों के ब्लड की जब जांच की जाती है तो प्लेटलेट्स के बारे में पता चल जाता है, जिन लोगों को डेंगू नहीं है और उन्हें बुखार है, उसके एक नहीं कई कारण हो सकते हैं। नहीं हो रही आरटीपीसीआर जांच

जिला मुख्यालय पर इस समय कोरोना की सिर्फ एंटीजन कार्ड से ही जांच हो रही है, जिसमें फिलहाल कोई भी पाजिटिव नहीं पाया गया है। इधर बुखार के ऐसे मरीजों जिन्हें डेंगू नहीं है और उनकी प्लेटलेट्स कम होने के कारण स्वास्थ्यकर्मी यह भी शक कर रहे हैं कि कहीं बुखार के इन मरीजों में कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं, क्योंकि दूसरी लहर के दौरान तमाम केसों में यह देखने में आया था कि मरीजों की प्लेटलेट्स काफी कम थीं, लेकिन एंटीजन कार्ड से जांच पर अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता और आरटीपीसीआर जांच इन दिनों नहीं हो रही।

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