प्लेटलेट्स के लिए जनपद में नहीं कोई व्यवस्था
10 से 12 हजार रुपये में बाहर से मंगाई जा रहीं प्लेटलेट्स मुफ्त में जांच के कारण सरकारी पैथोलाजी पर भीड़
जासं, एटा: मेडिकल कालेज तो बन गया, लेकिन अभी डेंगू के इलाज के लिए यहां पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। मरीज की प्लेटलेट्स कम है और जंबो पैक की आवश्यकता है तो उसकी व्यवस्था यहां नहीं है। प्राइवेट पैथोलाजी वाले बाहर से ही व्यवस्था करके देते हैं, लेकिन इसमें काफी समय और पैसा खर्चा हो जाता है। इस वजह से मरीजों को रेफर करना पड़ रहा है।
जनपद में डेंगू के मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की व्यवस्था नहीं है। जंबो पैक के लिए लोग अलीगढ़, आगरा की पैथोलाजी पर निर्भर हैं। इसके लिए स्थानीय पैथोलाजी वाले मनमाफिक कीमत वसूल रहे हैं। स्थानीय का बाहर की पैथोलाजी से कांटेक्ट है और वे एक जंबो पैक के 10 से 12 हजार रुपये तक वसूलते हैं।
इधर, मेडिकल कालेज की पैथोलाजी पर प्रतिदिन 100 से लेकर 150 के बीच सैंपल आ रहे हैं, लेकिन एलाइजा टेस्ट बमुश्किल 50 लोगों के ही हो पाते हैं जिन्हें उसी दिन रिपोर्ट दे दी जाती है। पैथोलाजी वाले एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट दूसरे दिन दे रहे हैं। दूसरी तरफ रैपिड कार्ड टेस्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग खुद पूरी तरह से इस टेस्ट पर भरोसा नहीं करता। डेंगू की पुष्टि केवल रैपिड टेस्ट के जरिए नहीं की जा सकती।
सीएमएस डा. राजेश अग्रवाल ने बताया कि मेडिकल कालेज की पैथोलाजी में जो भी पहुंच रहा है सभी के टेस्ट किए जा रहे हैं और रिपोर्ट भी समय से उपलब्ध कराई जा रही हैं।