बुखार से दो और लोगों की मौत

मृतकों की संख्या हुई 17 इमरजेंसी भी रही फुल जनपद में आंकड़ों पर पर्दा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 05:39 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 05:39 AM (IST)
बुखार से दो और लोगों की मौत
बुखार से दो और लोगों की मौत

जासं, एटा: जनपद में बुखार के हालात बेकाबू हैं। दो और लोगों की बुखार के चलते मौत हो गई। मृतकों की संख्या 17 हो गई है। मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में बुखार पीड़ित मरीज बढ़ते जा रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर पहुंचकर मरीजों के रैपिड टेस्ट किए जा रहे हैं, जो भी मरीज गंभीर होता है उसे स्वास्थ्य विभाग की टीम मेडिकल कालेज के लिए भेज देती है। बागवाला क्षेत्र के गांव ओंनघाट में 45 वर्षीय राजेश कई दिन से बुखार से पीड़ित थे, उनकी हालत निरंतर बिगड़ती गई और गांव में ही उनका उपचार चल रहा था। रात के वक्त उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके अलावा थाना रिजोर क्षेत्र के गांव परतापपुर में 20 वर्षीय प्रदीप पांच दिन से बीमार थे। वे दिल्ली से सात दिन की दवा लेकर घर आ गए थे, लेकिन गुरुवार सुबह उनकी हालत बिगड़ गई और परिवार के लोग मेडिकल कालेज की इमरजेंसी ले आए, जहां प्रदीप ने दम तोड़ दिया। दोनों मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा है।

ओंनघाट के हालात निरंतर बिगड़ते जा रहे हैं। इस गांव में मृतकों की संख्या तीन हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव में कैंप कर रही हैं तथा रैंडम रैपिड टेस्ट भी किए जा रहे हैं। थाना जसरथपुर क्षेत्र के गांव जिटौराभान निवासी 30 वर्षीय मिथलेश, गांव नगला माली निवासी 42 वर्षीय सुनीता और उनकी 16 वर्षीय बेटी सलोनी तथा रिजोर क्षेत्र के गांव गिलौरिया निवासी 22 वर्षीय कामिनी को भी इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है। इमरजेंसी वार्ड दिनभर फुल रहा और मरीजों को विभिन्न वार्डों में ट्रांसफर किया जाता रहा। उधर, एमसीएच विग के भी सभी वार्ड गुरुवार को भी फुल रहे। यहां के पीडियाट्रिक वार्ड में बच्चे भर्ती हैं, तो सामान्य वार्ड में हर बेड पर मरीज नजर आ रहे हैं। बुखार से मौत नहीं मान रहा स्वास्थ्य विभाग

-इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी कि बुखार के कारण निरंतर मौत हो रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग एक भी मौत बुखार से नहीं मान रहा, जो लोग मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में आकर दम तोड़ रहे हैं उन्हें भी बुखार का मरीज नहीं माना जा रहा। प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा क्योंकि वह स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर ही निर्भर है। -----------------

स्वास्थ्य विभाग डेथ आडिट करा रहा था, जिसमें यह देखा जा रहा है कि वाकई मौत बुखार से हुई या अन्य किसी कारणवश। अब तक ऐसे लोगों की मौत हुई हैं जो गंभीर रोगों से ग्रसित थे। स्वास्थ्य विभाग की टीमें निरंतर गांवों में भेजी जा रही हैं और टेस्ट कराए जा रहे हैं। अगर कोई सामान्य बुखार से पीड़ित है तो उसे उपचार मुहैया कराया जा रहा है।

- डा. उमेशचंद्र त्रिपाठी, मुख्य चिकित्साधिकारी, एटा

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