किसानों ने बढ़ाए फसल बीमा की ओर हाथ
पहले सूखा के हालात तो अब बारिश से घबराया अन्नदाता अंतिम तिथि 31 जुलाई तक बनी रही उत्सुकता
जासं, एटा: पिछले वर्षो से फसलों के बीमा के लिए विभाग किसानों को जागरूक करता रहा है। इधर, मौसम की मार के चलते हालात ऐसे बने कि तमाम किसान फसल बीमा की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कारण यही है कि 15 जुलाई तक सूखा के हालात देख किसानों ने फसलों का बीमा कराया और अब तमाम क्षेत्रों में ज्यादा बारिश होने की स्थिति से फसलों को नुकसान की आशंका से तमाम किसान फसल बीमा करा रहे हैं।
इस बार भी जून से ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया। योजना में किसानों के लिए स्वैच्छिक तौर पर प्रीमियम जमा करने की छूट दी गई। फसली ऋण लेने वाले किसानों की फसलों का बीमा बैंकों द्वारा खुद ही प्रीमियम काटकर करा दिया जाता था। इस बार स्वैच्छिक बीमा योजना का लाभ कर दिए जाने के कारण शुरूआत में कुछ किसानों ने बैंकों को बीमा न कराने की स्थिति से अवगत कराया। उम्मीद यही थी कि प्रकृति की मेहरबानी से फसलों को नुकसान नहीं होगा।
इसके बाद 15 जुलाई तक सूखा की स्थिति देख किसानों को नुकसान की आशंका सताना शुरू हुई और बीमा योजना में शामिल होने के लिए प्रार्थनापत्र फिर बैंकों को दिए जाने लगे। अब एक सप्ताह से तेज बारिश से फसलों को नुकसान की स्थिति में किसानों को खरीफ की फसलों का बीमा कराने के लिए उनकी रुचि को बढ़ा दिया है। बीमा योजना में शामिल होने की 31 जुलाई थी।
पिछले साल जिले में खरीफ फसलों के दौरान 7262 किसानों ने 4481.92 हेक्टेयर फसलों का बीमा कराया था। इनमें से 1740 किसानों को लगभग 54 लाख रुपये का मुआवजा भी मिला। इस साल जुलाई के तृतीय सप्ताह तक 6500 के लगभग किसान फसल बीमा ले चुके हैं, जबकि इसी माह के अंतिम सप्ताह में 2100 से ज्यादा किसानों द्वारा बीमा की प्रक्रिया पूरी की है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जिला प्रबंधक अमित कुमार का कहना है कि सही स्थिति तो 31 जुलाई के बाद तय होगी, लेकिन इस बार काफी किसान जागरूकता से फसल बीमा करा रहे हैं। उधर, जिला कृषि अधिकारी एमपी सिंह ने बताया है कि किसानों को फसलों के मामले में चितामुक्ति के लिए यह योजना काफी लाभदायी साबित हो रही है।