उपलब्धता के दावे झूठे, दुकानों से गायब उर्वरक

जिले में उर्वरकों की किल्लत निरंतर बढ़ती जा रही है। कुछ दिन पहले से यह समस्या अन्य क्षेत्रो में भी बढ़ती जा रह ी है।जिससे किसान इधर-उधर भटक रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 11:18 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 11:18 PM (IST)
उपलब्धता के दावे झूठे, दुकानों से गायब उर्वरक
उपलब्धता के दावे झूठे, दुकानों से गायब उर्वरक

जागरण संवाददाता, एटा : जिले में उर्वरकों की किल्लत निरंतर बढ़ती जा रही है। कुछ दिन पहले अलीगंज क्षेत्र में विक्रेताओं के यहां से यूरिया, डीएपी गायब हो गया। अब जलेसर और मुख्यालय के आसपास क्षेत्रों में भी यूरिया के लिए किसानों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। हालांकि कुछ दिन पहले ही ओवर रे¨टग को लेकर कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन इसके बाद से ही उर्वरकों के किल्लत होने जैसी स्थिति कृषि विभाग की समझ में भी नहीं आ रही है। विभाग अभी भी हर उर्वरक की उपलब्धता बता रहा है। उधर प्राइवेट सेक्टर ही नहीं बल्कि सहकारी समितियों से भी यूरिया गायब हो गई है।

रबी की फसलों की बुवाई का काम लगभग पूरा हो चुका है। आलू, सरसों के अलावा अब गेहूं का भी आच्छादन पूरा होने के बाद किसान फसलों में उर्वरक लगाने के लिए बाजारों की ओर दौड़ लगाने लगे हैं। पिछले वर्ष जनवरी माह की तरह मारामारी के हालात उर्वरकों को लेकर नहीं रहे। एक सप्ताह से जिले में जो स्थिति उत्पन्न की जा रही है वह किसानों के लिए परेशानी बन गई है। जिम्मेदार अधिकारियों की समझ में भी कुछ नहीं आ रहा कि आखिर हालात क्यों बिगड़ रहे हैं। विभाग मान रहा है कि अभी भी जिले में पर्याप्त उर्वरक मौजूद हैं। इसके बावजूद बाजार से धीरे-धीरे यूरिया और डीएपी गायब है। जिससे अब किसान भी सड़कों पर दिखाई देने लगा है, जिससे प्रशासन में भी खलबली मचने लगी है।

जलेसर में बीते दिन किसानों को खाद न मिली तो उन्होंने जाम लगाकर यह स्पष्ट कर दिया कि हालातों में सुधार न हुआ तो फिर किसान संगठन भी प्रशासन की मुश्किलें बढ़ाते नजर आएंगे। एक बात यह भी है कि विभाग द्वारा यूरिया ब्लैक में बेचने की शिकायतें मिलने के बाद जब से कार्रवाई शुरू की है, तभी से किल्लत की स्थिति भी बढ़ गई है। इससे यह भी माना जा रहा है कि कुछ विक्रेता भी जानबूझकर परेशानियां बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा प्रशासन की भी ढील इस बात से नजर आ रही है कि डेढ़ दर्जन टीमों से जिलेभर में जांच कराने के बाद भी अभी तक न तो जांच रिपोर्ट सामने आईं हैं और न हीं विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई हुई है।

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हालातों पर पूरी नजर रखी जा रही है, यदि जानबूझकर विक्रेता गड़बड़ी करते पाए गए तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एमपी सिंह, जिला कृषि अधिकारी

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