चलने लायक नहीं फिर भी दौड़ी बुजुर्ग एक्सप्रेस
बुजुर्गो ने मंगलवार को बढ़ चढ़कर मतदान किया। वे वोट डालने जरूर पहुंचे और जब अपना वोट डाल दिया तो बड़े खुश हुए। सुबह के वक्त कई बुजुर्ग तो ऐसे दिखे जिन्होंने नाश्ता तक नहीं किया और वोट डालने चले आए। बोले नाश्ता बाद में पहले वोट।
एटा, जासं। कमर झुक गई, चला नहीं जाता, लेकिन वोट डालने जाना है यह 23 अप्रैल से पहले ही ठान लिया था। बुजुर्गो ने अपने इस फैसले को मंगलवार को अंजाम दिया, वे वोट डालने जरूर पहुंचे और जब अपना वोट डाल दिया तो बड़े खुश हुए और बोले कि पूर्व के तमाम चुनावों में मतदान करते रहे हैं तो फिर इस बार कैसे चूक जाते। सुबह के वक्त कई बुजुर्ग तो ऐसे दिखे जिन्होंने नाश्ता तक नहीं किया और वोट डालने चले आए। बोले नाश्ता बाद में पहले वोट।
शहर के माल गोदाम रोड स्थित कन्या जूनियर हाईस्कूल मतदान केंद्र पर हमें 90 वर्षीय बुजुर्ग इंद्रपुरी निवासी प्रवेशचंद्र कैलानी मिले। छड़ी के सहारे टुकटुक करते अपनी 79 वर्षीय पत्नी जनकरानी के साथ जब वोट डालने वे मतदान केंद्र पर वे पहुंचे तो बरबस ही सबकी नजर उनकी ओर चली गई। बूथ पर मौजूद युवा यह देखकर कायल हो गए कि आज भी मतदान के प्रति बुजुर्गो में कितना उत्साह है। जागरण टीम को देखा तो तेज आवाज में बोल पड़े सुनो भाई सन् 1952 से निरंतर वोट डाल रहा हूं। सबसे कह भी रहा हूं कि घर में पड़े क्या कर रहे हो वोट डालने चलो।
अब शहर के ही मायादेवी मतदान केंद्र का नजारा देखिए, यहां 75 साल के बुजुर्ग रामसिंह के पैर की हड्डी टूट गई। कई दिन से अपने परिजनों से कह रहे थे कि चाहें कैसे भी ले जाओ, लेकिन वोट जरूर डलवाओ। सबने कहा कि बूथ के अंदर कैसे जाओगे तो बोले कि वॉकर के सहारे और हुआ भी यही। वे वॉकर के सहारे धीमे-धीमे वोटिग मशीन तक जा पहुंचे। यह सिलसिला यही नहीं थमा, मारहरा के नगर पालिका बूथ पर 90 वर्षीय कमला देवी अपने नाती के साथ बाइक पर बैठकर वोट डालने पहुंची, उनका शरीर पैदल चलने लायक भी नहीं, क्योंकि कमर आधे से ज्यादा झुक चुकी है, लेकिन मतदान के लिए उनकी आंखों में चमक देख सब दंग थे। जब देखा कि बुजुर्ग महिला आ रहीं हैं तो इस मॉडल बूथ पर मौजूद स्काउट गाइड कैंडेट्स दौड़ पड़े। कुछ महिला पुलिसकर्मी भी उन्हें सहारा देने के लिए आगे आ गई और उन्हें वोट डलवाया। ऐसी स्थिति कई बूथों पर देखी गई, जहां बुजुर्गो ने भी काफी जोश दिखाया। यह बुजुर्ग जब मतदान केंद्र पर पहुंचते तो वहां मौजूद उन्हें जानने वाले उनके पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे थे।