जलेसर के घुंघरू घंटा उद्योग को लगेंगे पंख

जलेसर में होने वाले घुंघरू घंटा व अन्य पीतल उत्पाद उद्योग को पंख लगें

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 11:23 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 06:07 AM (IST)
जलेसर के घुंघरू घंटा उद्योग को लगेंगे पंख
जलेसर के घुंघरू घंटा उद्योग को लगेंगे पंख

एटा, जागरण संवाददाता: जलेसर में होने वाले घुंघरू घंटा व अन्य पीतल उत्पाद उद्योग को पंख लगेंगे। यहां सीएफसी (सामान्य सुविधा केंद्र) बनाने का खाका खींचा गया है। जिसे 15 करोड़ रुपये से विकसित किया जाएगा। इसमें उद्यमियों व कारीगरों के लिए प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता, कच्चा माल भंडारण, लेवलिग आदि की सुविधाएं दी जाएंगी। जिसकी मदद से यह उद्योग ऊंचाइयां छू सकता है।

जलेसर में बड़े स्तर पर घुंघरू-घंटा का काम होता है। राष्ट्रीय स्तर पर इसकी पहचान और उत्पादों की मांग भी है। लेकिन यह कारोबार कुछ लोगों तक ही सिमटा हुआ है। सरकार यहां के घुंघरू-घंटा सहित सभी पीतल उत्पादों को ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना में शामिल कर चुकी है। इसके तहत ही सीएफसी (कॉमन फैसिलिटी सेंटर) की स्थापना की जानी है। 15 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस सेंटर में तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। जिसमें सबसे बड़ी बात कच्चे माल की उपलब्धता है। इसके अलावा कारीगरों को डिजाइन डवलपमेंट में प्रशिक्षण दिया जाएगा। तकनीकी अनुसंधान केंद्र भी बनाया जाएगा, जिसमें उत्पादों की तकनीक पर शोध किए जाएंगे। टेस्टिग लैब, उत्पाद प्रदर्शन एवं विक्रय केंद्र भी बनाए जाएंगे। इससे कारीगरों के कौशल और उत्पादों में निखार आएगा। इनकी मांग और व्यापार बढ़ेगा।

यह है योजना

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सीएफसी एक जैसे कम से कम बीस उद्यमों पर बनाया जाता है। यह योजना केवल ओडीओपी के तहत चुने गए उद्यमों के लिए ही है। सरकार द्वारा नामित संस्था इसकी स्थापना से लेकर संचालन एवं अन्य सभी व्यवस्थाओं की पूर्ति करती है। उद्देश्य यही है कि जिले के खास उद्योग को बढ़ावा दिया जाए।

वर्जन

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शासन से नामित संस्था द्वारा जलेसर क्षेत्र में सर्वे किया जा चुका है। हमने अपने स्तर से भी सर्वे कराया है। जिसमें बीस उद्यमी सीएफसी की स्थापना के लिए तैयार हैं। जल्द डीपीआर (विस्तृत कार्य योजना) बनाई जाएगी।

- अनुराग यादव, उपायुक्त उद्योग

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