आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए ड्राई फूड बना मुसीबत
आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सूखे राशन की व्यवस्था शुरू हो चुकी है।
एटा, जागरण संवाददाता : आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सूखे राशन की व्यवस्था शुरू हो चुकी है। शासन की मंशा के अनुरूप केंद्रों तक सूखा राशन उपलब्ध कराने के लिए स्वयं सहायता समूह नियुक्त होने थे लेकिन अभी तक समूह व्यवस्था लागू न हो पाने के पीछे कई तरह की समस्याएं आड़े आ रहीं हैं।
यहां बता दें कि सितंबर माह से ही आंगनबाड़ी केंद्रों के द्वारा बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को पंजीरी वितरण बंद हो चुका है। नई व्यवस्था के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों तक सूखे राशन को पहुंचाने के लिए स्वयं सहायता समूह के चयन की व्यवस्था की गई थी। दो महीने से ड्राई फूड पुष्टाहार वितरण व्यवस्था शुरू होने के बावजूद अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राशन डीलरों के यहां से गेहूं चावल का उठान निजी खर्चे पर करना पड़ रहा है। खास बात यह है कि जिले में स्वयं सहायता समूह काफी संख्या में पंजीकृत हैं लेकिन पुष्टाहार व्यवस्था के तहत उनकी सहभागिता के मामले में विभाग अभी तक सामंजस्य नहीं बना पा रहा। हालात यह हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों का राशन डीलरों को दिया जा रहा है और वहां से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राशन उठान और वितरण के लिए पैकिग में काफी परेशानियां आ रही हैं। उधर शासन द्वारा स्वयं सहायता समूह को लाभान्वित करने के लिए नई व्यवस्था में सहभागिता को प्राथमिकता दी गई थी, लेकिन जिले में अभी तक स्वयं सहायता समूह योजना से दूर होने के कारण शासन की भी मंशा अधूरी बनी हुई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा डीलरों के मध्य स्थानीय व्यवहार के कारण भी परेशानियां सामने आ रहीं हैं। हालांकि विभाग द्वारा राशन मिलने में आ रही समस्याओं को चिन्हित करना शुरू कर दिया है लेकिन ज्यादातर कार्यकर्ता नई व्यवस्था के विरुद्ध आक्रोश में नजर आने लगी हैं। दूसरी ओर कार्यकर्ताओं को पैकिग तथा उठान का कोई खर्चा न मिलने के कारण भी विरोध के स्वर गूंज रहे हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय सिंह का कहना है कि नई व्यवस्था को विधिवत संचालित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वयं सहायता समूह जल्दी ही कार्य करेंगे।