पालिका की अनदेखी से घरों में पहुंच रही नाली की सिल्ट
कोरोना काल में हर गली-मुहल्ले में दिखाई दे रहा स्वछता का अभाव शांतिनगर में स्थिति और भी अधिक दयनीय
जासं, एटा: शहर में कोरोना के संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। कई लोग काल के काल में समा चुके है। तमाम लोग होम आइसोलेशन में है। ऐसे में समूचे शहर को स्वच्छ रखना पालिका प्रशासन की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को साफ सुधरा माहौल मिल सके, जबकि ऐसा नहीं हो रहा है।
साफ सफाई की बात करें तो पालिका प्रशासन भले ही अपनी तमाम उपलब्धियों को गिनाने लगे, लेकिन हकीकत यह है कि कोरोना के संक्रमणकाल में पालिका की सफाई व्यवस्था की चरमरा उठी है। शहर के प्रत्येक गली-मुहल्ले में स्वच्छता का अभाव दिखाई दे रहा है।
अरुणानगर, संतोष नगर, बेग नगर, दिनेश नगर, पोता नगला, इस्लाम नगर, रामा कालोनी, कटरा मुहल्ला, पुरानी बस्ती, पटियाली गेट, विकास नगर, किदवई नगर, सुनहरी नगर, नवीन नगर, प्रेमनगर, भगीपुर, सिविल लाइंस, चित्रगुप्त कालोनी, लोधीनगर आदि प्रत्येक गली मुहल्ले में इन दिनों गंदगी के ढेर दिखाई दे रहे है। शांतिनगर में स्थिति और भी अधिक दयनीय है। यूपी जीनियस कोचिग से लेकर पूर्व पालिकाध्यक्ष कंचन अडंगा के मकान के सामने तक नाली से निकाली सिल्ट लोगों के घरों के सामने पड़ी हुई है। वाहनों के पहियों के माध्यम से घरों में पहुंचकर परिसरों को गंदा कर रही है। ऐसे में लोगों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द गंदगी की इस समस्या से निजात दिलाने की दिशा में कारगर कदम उठाए। मांग करने वालों में प्रताप सिंह, रमेश चंद, नेकराम, गिरीश चंद्र, मनोज कुमार, रामबाबू, मुकेश कुमार जैन, संतोष कुमार जैन, कुनाल जैन, अमित सक्सेना, जितेंद्र सक्सेना, विनय चतुर्वेदी, रणवीर सिंह परमार, शिव कुमार, कढ़ेर सिंह, भगवान सिंह वर्मा, संजीव कुमार, राजीव कुमार, यशवीर सिंह, संतोष सिंह, आरके सिंह राघव, पीपी वर्मा आदि हैं।