छटा कुहासा, एनआरसी के हॉल में लगेगा डिजिटल एक्स-रे

एटा जासं। शासन से भेजी गई डिजिटल एक्स-रे मशीन की सेवा लोगों को जल्द ही मिलने लगेगी। स्थापना के लिए भवन की कमी को लेकर इस पर छाया हुआ कुहासा छट गया है। अब एनआरसी में खाली पड़े भवन को इसके लिए चिन्हित किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 May 2019 11:36 PM (IST) Updated:Thu, 23 May 2019 06:21 AM (IST)
छटा कुहासा, एनआरसी के हॉल में लगेगा डिजिटल एक्स-रे
छटा कुहासा, एनआरसी के हॉल में लगेगा डिजिटल एक्स-रे

जागरण संवाददाता, एटा: शासन से भेजी गई डिजिटल एक्स-रे मशीन की सेवा लोगों को जल्द ही मिलने लगेगी। स्थापना के लिए भवन की कमी को लेकर इस पर छाया हुआ कुहासा छट गया है। अब एनआरसी में खाली पड़े भवन को इसके लिए चिन्हित किया गया है।

पूर्व में जिला अस्पताल के लिए सीटी स्कैन मशीन भेजे जाने का प्रावधान किया गया। लेकिन इसके लिए जरूरी जमीन उपलब्ध न हुई और प्रोजेक्ट वापस हो गया। इसके बाद शासन ने डिजिटल एक्स-रे मशीन स्वीकृत की। जिसे करीब दो महीने पहले यहां भेज दिया गया। इसके लिए दिल्ली की प्रोग्नोसिस मेडिकल सिस्टम प्रा.लि. से अनुबंध किया गया है। कंपनी को ही इसकी स्थापना भी करनी है। जिला अस्पताल प्रशासन को भवन उपलब्ध कराना है। मशीन के लिए 15 बाई 15 वर्गफीट का भवन चाहिए। अधिकारियों ने रेडियोलॉजी विभाग के पिछले हिस्से को इसके लिए चिह्नित किया। लेकिन मेडिकल कॉलेज के उच्चीकरण में ध्वस्तीकरण को लेकर इस भवन पर असमंजस बना हुआ था। जिसके कारण यहां स्थापना कराने से हाथ खींच लिए गए। अब इस रेडियोलॉजी विभाग के ठीक सामने चल रहे एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) में एक खाली पड़े हॉल को चिन्हित किया गया है। तीन दिन से इसमें भरा कबाड़ा निकाला जा रहा है। हॉल 26 बाई 30 वर्गफीट का है, जो डिजिटल एक्स-रे के लिए जरूरत से भी ज्यादा है।

पीछे बनाया जाएगा गेट

इस हॉल के लिए रास्ता एनआरसी से होकर है। लेकिन एक्स-रे मशीन के रेडियेशन से बच्चों को खतरे की आशंका और मरीजों की आवाजाही से व्यवधान को लेकर इसका दरवाजा एनआरसी से बंद करा दिया जाएगा। पीछे ब्लड बैंक की ओर दरवाजा निकाला जाएगा। जहां से मरीजों आदि की आवाजाही होगी।

वर्जन

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एनआरसी में हॉल खाली पड़ा था। यह डिजिटल एक्स-रे मशीन के लिए उचित और स्थान भी पर्याप्त है। साथ ही मरीजों आदि के लिए सुविधाजनक है। जल्द ही यहां कंपनी की ओर से मशीन का इंस्टालेशन कर दिया जाएगा।

- राजेश अग्रवाल, सीएमएस

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