किसान हितों की अनदेखी कर तबादलों का खेल

एटा, जागरण संवाददाता: जिले में कृषि विभाग वैसे भी अधिकारी कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। उधर विभ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Nov 2020 04:46 AM (IST) Updated:Tue, 10 Nov 2020 04:46 AM (IST)
किसान हितों की अनदेखी कर तबादलों का खेल
किसान हितों की अनदेखी कर तबादलों का खेल

एटा, जागरण संवाददाता: जिले में कृषि विभाग वैसे भी अधिकारी कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। उधर विभाग में सुविधाजनक तैनाती पाने के लिए किसानों के हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है। कई एडीओ कृषि मुख्यालय से संबद्ध कर मौज कर रहे हैं। वहीं ब्लाक स्तर पर पद खाली होने से किसान योजनाओं के लाभ को लेकर परेशान हैं।

ब्लाक स्तर पर कृषि योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एडीओ कृषि तथा कृषि रक्षा के अलग-अलग पद हैं। जिले में आठ विकास खंडों के सापेक्ष पर एडीओ कृषि नियुक्त हैं फिर भी हाल यह है कि जैथरा तथा सकीट विकास खंड पर एडीओ कृषि के पद खाली चल रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि अधिकारियों ने दो एडीओ कृषि को मुख्यालय से संबद्ध कर रखा है। यहां उनका कोई काम भी नहीं और दर्शन भी कभी-कभी होते हैं। इसके अलावा एडीओ कृषि रक्षा के पदों का भी यही हाल है कि कइयों ने अपने निवास स्थल के समीप लोगों में नियुक्तियां करा रखी है। यही हाल ब्लाक स्तर पर अन्य पदों को लेकर भी है कि जिम्मेदार अधिकारी किसानों और योजनाओं का हित देखने के बजाय जिले में ही स्थानांतरण तथा उन्हें संबद्ध करने में कोई हिचक नहीं कर रहे।

कृषि विभाग के कर्मचारियों को संबद्ध करने के खेल में किसानों को परेशानी इसलिए है कि उन्हें किसी भी कार्य के लिए मुख्यालय तक दौड़ लगानी पड़ती है। जैथरा खंड विकास अधिकारी कई बार विभाग को एडीओ कृषि की तैनाती करने के लिए लिख चुके हैं, लेकिन मुख्यालय पर मौज कर रहे किसी भी एडीओ को वहां नहीं भेजा गया। इस संबंध में संयुक्त निदेशक कृषि सत्यवीर सिंह का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है यदि गलत तरीके से तबादले तथा कर्मचारियों को संबद्ध किया जा रहा है तो जांच कराई जाएगी।

chat bot
आपका साथी