जिला अस्पताल में ओपीडी गेट पर प्रसव
20 मिनट तक तड़पती रही प्रसूता लेकिन डाक्टरों ने देखा तक नहीं अधिकारी भी जिम्मेदारी से झाड़ते रहे पल्ला
एटा, जासं। जिला अस्पताल में डाक्टरों की अनदेखी के बीच ओपीडी गेट पर महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। इससे पहले वह गेट पर 20 मिनट तक दर्द से तड़पती रही, लेकिन बुलाने के बावजूद डाक्टर अपने चैंबर से नहीं निकले। बाद में जब ज्यादा शोरशराबा हुआ तब इमरजेंसी के एक चिकित्सक को पता चला। उन्होंने प्रसूता को महिला अस्पताल भिजवाया।
जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए गर्भवती 35 वर्षीय गीता निवासी नगला बिरियन जिला अस्पताल आई थीं। उन्हें तकलीफ हुई तो ओपीडी के गेट पर बैठ गईं। उन्हें दर्द होने लगा और वहीं लेट गईं। गीता के साथ एक दूसरी महिला भी थी। वह भागकर ओपीडी में मौजूद डाक्टरों के पास पहुंची और मदद मांगी, मगर एक भी डाक्टर और कर्मचारी अपनी जगह से नहीं हिला। प्रसूता दर्द से छटपटाती रही। जब ओपीडी का कोई डाक्टर नहीं आया तो किसी ने इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक डा. मुकेश परमार को जानकारी दी। वे तत्काल ही अपनी टीम के साथ पहुंच गए और सुरक्षित घेरा बनाया। महिला ने ओपीडी के गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया था। प्रसूता की स्थिति यह थी कि उसे स्ट्रेचर पर भी महिला अस्पताल ले जाना जोखिम भरा था। बाद में उसे महिला अस्पताल भिजवाया गया। ओपीडी के चिकित्सक जानकारी मिलते ही सक्रिय हो गए होते तो महिला को समय रहते महिला अस्पताल पहुंचाया जा सकता था। वहां मौजूद लोग व्यवस्था को कोस रहे थे। जब सब कुछ हो गया तब सीएमएस डा. राजेश अग्रवाल भी पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रसूता महिला अस्पताल समय से नहीं पहुंच पाई, इस वजह से ओपीडी गेट पर बच्चे को जन्म दे दिया। अगर पहले से मामला संज्ञान में होता तो महिला को जरूर महिला अस्पताल पहुंचाया जाता।