डीएपी आते ही समितियों पर उमड़ी किसानों की भीड़
लाइन में सुबह से खड़े हो गए किसान लगेज के साथ खाद मिलने से परेशान लोग
जासं, एटा: खाद की रैक आते ही सहकारी समितियों पर किसानों की भीड़ उमड़ने लगी है। शनिवार को अधिकांश केन्द्रों पर किसानों की लंबी कतार लगी हुई मिली। लगेज के साथ मिल रही डीएपी को लेकर किसान परेशान हैं। समितियों पर किसानों को जबरन जिक या अन्य उर्वरक दिए जा रहे हैं। जिससे उनका बजट बिगड़ रहा है।
लाहा, लहसुन, आलू आदि की फसल तैयार करने के लिए किसान पूरी तरह से जुटे हुए हैं। पिछले दिनों से चली आ रही डीएपी की किल्लत शुक्रवार को खाद की रैक आने पर खत्म हो गई। समितियों पर खाद आने की जानकारी मिलते ही केन्द्रों पर खरीदारी के लिए किसानों की लंबी लाइन लग गई। सुबह आठ बजे से ही किसानों ने समितियों के बाहर लाइन लगा ली। जिनकों घंटों तक धूप में खड़े होने पर खाद मुहैया हो सकी। समितियों पर खाद की एक बोरी पर 60 और 80 रुपये का लगेज दिया जा रहा है। इसे लेकर किसान काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि खाद की बोरी खरीदने के लिए उन्होंने बजट जुटाया है। मगर लगेज देने के कारण उनको आर्थिक रूप से परेशानी हो रही है। शिकायत पर समितियों का निरीक्षण किया गया है। जबरन लगेज न देने के लिए क्रय केन्द्र संचालक से कहा गया है। इसके बाद शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।
-डा. महावीर सिंह, कोआपरेटिव एआर व्यापारी और पहुंच वालों को सीधे खाद दी जा रही है। जबकि किसान को घंटो तक लाइन में खड़ा किया जा रहा है। लगेज के कारण हिसाब गड़बड़ हो रहा है।
-नंदकिशोर डीएपी खाद लेने के लिए जीसखपुर से मंडी समिति आए हैं। क्षेत्र की सहकारी समिति पर खाद नही है। जिसे लेकर फसल तैयार करने में परेशानी होती है।
-मुन्नालाल 22 सौ मीट्रिक टन आई है डीएपी
जनपद में आई रैक से 22 सौ मीट्रिक टन खाद आई है। जिसमें 11 सौ मीट्रिक टन इफको डीएपी और इतनी ही मात्रा में एनपीके खाद जिले में आई है। जबकि निजी दुकानों पर 5 सौ एमटी पीपीएल, 8 सौ मीट्रिक टन एनएफएल, 100 एमटी चंबल और आईपीएल की 150 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध हुई है। जिला कृषि अधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि दुकानों पर आधार कार्ड और खतौनी के अनुसार बिक्री की जाएगी। मूल्य से अधिक में खाद बिक्री करने वाले दुकानदारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।