थकान, सिर और शरीर में दर्द ओमिक्रोन के प्रारंभिक लक्षण

जरूरी नहीं कि स्वाद बुखार न आए और सूंघने की क्षमता खत्म हो बीमारी से बचना है तो कोविड प्रोटोकाल का करें पालन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:06 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:06 AM (IST)
थकान, सिर और शरीर में दर्द ओमिक्रोन के प्रारंभिक लक्षण
थकान, सिर और शरीर में दर्द ओमिक्रोन के प्रारंभिक लक्षण

जासं, एटा: कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन का खतरा लगातार बना हुआ है। थकान, सिर और शरीर में दर्द इस वैरिएंट से होने वाले संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण हैं। यह जरूरी नहीं कि स्वाद न आए और सूंघने की क्षमता खत्म हो या तेज बुखार आए तब ही माना जाए कि नए वैरिएंट के शिकार हैं। इसलिए कोविड प्रोटोकाल का पालन बेहद जरूरी है।

प्रदेश सरकार ने नए वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखा है। वहीं मेडिकल कालेज के चिकित्साकर्मियों को भी विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उनसे कहा गया है कि मरीजों का इलाज करते वक्त कोविड नियमों का पालन करें। सीएमओ डा उमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना का संक्रमण धीमा जरूर पड़ गया है, लेकिन अभी खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। मास्क को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। नए वैरिएंट के बारे में पता चला है कि इसके शिकार लोगों को थकान, सिर दर्द, कमजोरी और शरीर में दर्द होता है। यह ओमिक्रोन प्रभावित व्यक्ति के प्रारंभिक लक्षण हैं, ऐसे में अगर यह शिकायत है तो तत्काल जांच कराएं। सार्वजनिक स्थानों पर जाने से परहेज करें। पटरी पर लौटीं स्वास्थ्य सेवा, टीकाकरण भी शुरू

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संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल समाप्त होने के बाद स्वास्थ्य सेवा पटरी पर लौट आईं और कर्मचारियों ने टीकाकरण भी शुरू कर दिया, हालांकि आशाएं टीकाकरण में सहयोग नहीं कर रहीं। कई दिन की हड़ताल के बाद टीकाकरण केंद्रों पर माहौल मंगलवार को बदला हुआ दिखाई दिया। वैक्सीन लगवाने के लिए केंद्रों पर कतार लगी रही। हड़ताल के कारण जहां तमाम लोग टीके लगवाने के लिए नहीं आ रहे थे, वहीं अब भीड़ जुट रही है। जितने दिन तक टीकाकरण में बाधा आई, उतने दिन मात्र दो-ढाई हजार लोगों के टीके ही प्रतिदिन लग रहे थे, जबकि दोपहर तक आंकड़ा दस हजार से ऊपर पहुंच गया था। आने वाले दिनों में मेगा टीकाकरण अभियान भी चलाया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों के टीके लग सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में जाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। कोरोना के सैंपल लिए गए।

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