योग की खुराक से छूमंतर हो गए जटिल रोग

योग स्वस्थ जीवन का आधार यूं ही नहीं है। अति प्राचीन सनातन धर्म की यह श

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 04:20 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 04:20 AM (IST)
योग की खुराक से छूमंतर हो गए जटिल रोग
योग की खुराक से छूमंतर हो गए जटिल रोग

जागरण संवाददाता, एटा: योग स्वस्थ जीवन का आधार यूं ही नहीं है। अति प्राचीन सनातन धर्म की यह शैली ऐसी है, जिसने कई लोगों के असाध्य रोगों से उन्हें छुटकारा दिलाया। जिन रोगों से निजात को लाखों रुपये खर्च किया तो लाभ न हुआ, लेकिन योग ने उनके जीवन में चमत्कार कर दिया। खुद निरोगी हुए तो औरों को भी रोगों से छुटकारा दिलाने के लिए योग विधा का प्रसार कर रहे हैं। सोरायसिस से पा लिया पूरी तरह छुटकारा

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योग प्राणायाम से सुखद अहसास पाने वाले अलीगंज के मुहल्ला बालकिशन निवासी रिटायर्ड शिक्षक दिनेशचंद गुप्ता हैं। वर्ष 1976 में वह सोरायसिस जैसी लाइलाज रोग से पीड़ित हुए। शिक्षित होने के साथ प्रदेश और देश के कई नामी चिकित्सकों से इलाज कराया और लाखों रुपया दवाओं में भी खर्च किया। कुछ लाभ मिल जाता, लेकिन बीमारी नहीं गई। 2004 में योग को ही अपनाने का निर्णय लिया तथा पतंजलि योग समिति हरिद्वार में बाबा रामदेव से योग प्राणायाम का प्रशिक्षण पाया। सोरायसिस के उपचार के लिए भद्रिका, कपालभारती, अनुलोम विलोम जैसे आसान प्राणायाम किए। डेढ़ साल में सोरायसिस से मुक्ति मिल गई। वह खुद आश्चर्यचकित हुए। उन्होंने अन्य सोरायसिस के रोगियों को सही करने के लिए योग सिखाना शुरू कर दिया। अलीगंज क्षेत्र के नसीम अली, सुरेशचंद सहित दर्जनों लोग योगा से ही सोरायसिस जैसी बीमारी से निजात पा चुके हैं। वह लगा था लोगों को योग प्रशिक्षण देकर लाभान्वित कर रहे हैं। पांच महीने में खुल गए हार्ट ब्लाकेज

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योग के द्वारा कुछ चौंकाने वाला लाभ कृषि विज्ञान केंद्र अवागढ़ में स्टेनो रहे ईश्वर दयाल शर्मा को मिला। सिर्फ 47 साल की उम्र में 80 फीसद तक हार्ट ब्लाकेज की रिपोर्ट आई। डाक्टर ने सर्जरी की सलाह दी। इस मध्य योग का सहारा लिया और पांच महीने में ही हृदय रोग से छुटकारा पा लिया। वर्ष 2002 में वह हृदय रोगी बने। प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा. त्रेहान तथा डा. आरके करौली से चेकअप के बाद सर्जरी को कहा गया। कुछ दिन दवा खाई, लेकिन 2003 की शुरुआत में किसी शुभचितक ने बाबा रामदेव के 11 दिवसीय शिविर में जाने की सलाह दी। वहीं योग व्यायाम सीख कर घर पर नियमित अभ्यास किया। तीन महीने बाद ब्लाकेज आदि खुल चुके थे। इसके बाद योगा का साथ बरकरार रखा और पांच महीने में हृदय रोग छूमंतर हो गया। उस समय चिकित्सक भी उनकी रिपोर्ट देख चौंक गए थे। हृदय रोग से छुटकारा पाने के बाद आज तक उन्होंने कोई दवा नहीं ली है सिर्फ नियमित योग को दिनचर्या में शामिल रखा है। योग के खुद पर हुए चमत्कार के बाद से ही वह लोगों को भी निरोगी बनाने के लिए बड़े पैमाने पर योग प्रशिक्षण शिविर आयोजित करते चले आ रहे हैं। वह बताते हैं कि कि 16 सालों में उन्होंने सैकड़ों लोगों को योग से दवा मुक्ति का लाभ लेते देखा है। कोरोना काल में भी उन्होंने तमाम रोगियों को वीडियो कालिग से योग सिखा कर लाभान्वित किया।

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