छिबरामऊ प्रकरण: तहसील से कचहरी तक हड़ताल, प्रदर्शन
एटा जासं। कन्नौज जिले के छिबरामऊ मामले को लेकर शुक्रवार को तहसील से कचहरी तक हड़ताल और प्रदर्शन का माहौल रहा। एक ओर जहां वकीलों ने लेखपालों के आरोपों को झूठा बताया। दूसरी ओर लेखपालों ने मामले के दोषी वकीलों की गिरफ्तारी और वकालत का पंजीकरण निरस्त करने की मांग बुलंद की।
एटा, जासं। कन्नौज जिले के छिबरामऊ मामले को लेकर शुक्रवार को तहसील से कचहरी तक हड़ताल और प्रदर्शन का माहौल रहा। एक ओर जहां वकीलों ने लेखपालों के आरोपों को झूठा बताया। दूसरी ओर लेखपालों ने मामले के दोषी वकीलों की गिरफ्तारी और वकालत का पंजीकरण निरस्त करने की मांग बुलंद की।
कन्नौज के इस मामले में वहां के अधिवक्ता पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। वहां की बार एसोसिएशन के समर्थन मांगे जाने पर एटा के वकील भी शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। अधिवक्ताओं ने बार अध्यक्ष विजेंद्रपाल सिंह व महासचिव संजय उपाध्याय के नेतृत्व में एडीएम प्रशासन केपी सिंह से मुलाकात कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें छिबरामऊ में अधिवक्ताओं पर दर्ज एफआइआर को झूठा और बेवुनियाद बताते हुए निरस्त कराने की मांग की। इस मौके पर उदयराज सिंह सोलंकी, रामवीर सिंह, आरती यादव, रामनरेश मिश्रा, राजीव यादव, सर्वेन्द्र यादव, प्रशांत यादव, जगन वाष्र्णेय, राजेंद्र वर्मा, राकेश दीक्षित आदि अधिवक्ता मौजूद थे।
उधर सदर तहसील में इकट्ठे होकर तीनों तहसीलों के लेखपालों ने तीसरे दिन हड़ताल जारी रखी। उन्होंने कहा कि छिबरामऊ में महिला लेखपालों के साथ अभद्रता और मारपीट की गई, यह काफी निदनीय है। इसके बाद कन्नौज में जब डीएम व अन्य अधिकारी मौजूद थे तो वकीलों ने लेखपालों के साथ मारपीट की। मांग करते हुए कहा कि दोषी वकीलों की गिरफ्तारी की जाए। साथ ही उनके वकालत के पंजीकरण निरस्त किए जाएं। इसके अलावा लेखपालों की सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस जारी करने की मांग भी उठाई। इस दौरान जिलाध्यक्ष नेमसिंह वर्मा, जिला मंत्री, सुरेश चंद्र, सत्यवीर सिंह, नरसिंह पाल, राकेश कुमार यादव, जितेंद्र कुमार, राजकपूर, अजय मौर्या, विनोद यादव, जयसिंह शाक्य आदि लेखपाल मौजूद रहे।