एटा में टैक्सी अड्डों पर भी की जाती है वसूली
सड़कों के किनारे फुटपाथ घिरे होने की तमाम शिकायतें भी हो चुकी हैं लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं
जासं, एटा : शहर में स्थापित टैक्सी अड्डों पर भी वसूली की जाती है। दुकानदारों ने खुद अपने प्रतिष्ठानों के आगे जगह दे रखी है और इसके एवज में किराया भी वसूला जाता है, लेकिन यह टैक्सी अड्डे कहीं भी पंजीकृत नहीं हैं। सड़कों के किनारे फुटपाथ घिरे होने की तमाम शिकायतें भी हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई।
शहर के अंदर स्थिति यह है कि जीटी रोड पर सबसे ज्यादा फुटपाथ घिरे हुए हैं। रोडवेज बस स्टैंड के पास कासगंज अड्डा भी संचालित है, जबकि किसी भी लिखा-पढ़ी में यह अड्डा नहीं है फिर भी सड़क किनारे बसें खड़ीं रहती हैं और सवारियां भरकर ले जाती हैं। यहां प्राइवेट बसों का सबसे ज्यादा बोलबाला रहता है। सड़कें घेरकर बसों के खड़े होने से जाम की स्थिति बन जाती है। पूर्व में शहर के अंदर स्थापित प्राइवेट अड्डों को शहर से बेदखल करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन फिर भी यह अड्डे अंदर ही बने रहे। गंजडुंडवारा अड्डा, सकीट अड्डा भी शहर के अंदर ही हैं। अलीगंज अड्डे पर बसें रामलीला ग्राउंड में खड़ी रहती हैं। दूसरी बड़ी समस्या शहर के अंदर सड़कों के किनारे टैक्सी अड्डों की है। यह अड्डे कोई यूं ही नहीं बने बल्कि जगह का उपयोग करने की कीमत भी वसूली जाती है। यह वसूली कौन करता है यह भी किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में सवाल यही उठता है कि यातायात पुलिस आखिर क्या कर रही है, क्यों परिवहन विभाग इस स्थिति को लेकर कार्रवाई नहीं करता। अवैध रूप से जगह-जगह बने टैक्सी स्टैंड और प्राइवेट बस अड्डे शहर की सूरत बिगाड़ रहे हैं। सीओ सिटी राजकुमार का कहना है कि पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई करती है और यह देखा जा रहा है कि कहां-कहां अवैधानिक रूप से पार्किंग हैं। शहर के अंदर जो भी सड़कों के किनारे बसें खड़ी होती हैं उन्हें खदेड़ा जाना चाहिए, ताकि फुटपाथ खाली हों और लोगों को निकलने में आसानी रहे।
- राधेश्याम शहर के अंदर जहां भी अवैध रूप से टैक्सी स्टैंड बने हैं वे हटने चाहिए, क्योंकि मुख्य सड़क संकरी दिखाई देती है और वाहन चालकों को सड़क से गुजरते समय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
- सतेंद्र