पर्यटन के नक्शे पर लाया जाएगा बिल्सड़, म्यूजियम भी प्रस्तावित
एएसआइ संरक्षित क्षेत्र की निगरानी करेगा प्रशासन बिल्सड़ पट्टी में लोगों का तांता प्रशासन ने कराई पैमाइश
जासं, एटा: बिल्सड़ के विकास का खाका तैयार हो रहा है। यहां खोदाई में गुप्तकालीन अवशेष मिलने के बाद प्रशासन ने आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआइ) संरक्षित स्थानों की निगरानी बढ़ा दी है। बिल्सड़ को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। प्रशासन ने इसके लिए पैमाइश भी कराई और यह जानने की कोशिश की कि इस जगह पर किसी का कब्जा तो नहीं है। यहां संग्रहालय भी प्रस्तावित है।
हाल ही में अलीगंज तहसील क्षेत्र में स्थित बिल्सड़ पट्टी में एएसआइ ने सर्वे कराया था। खोदाई के दौरान यहां पांचवीं शताब्दी के गुप्तकालीन मंदिर के अवशेष मिले थे। जानकारी होने पर बिल्सड़ में लोगों का तांता लगा हुआ है। शनिवार को सैकड़ों लोग एएसआइ संरक्षित स्थान पर पहुंचे। गांव वाले खुश हैं कि उनके गांव का अब विकास होने वाला है। दोपहर को राजस्व विभाग के कर्मचारियों की टीम के साथ पहुंचे एसडीएम अलीगंज एसपी वर्मा ने संरक्षित क्षेत्र का जायजा लिया। नक्शे का मुआयना करने के साथ संरक्षित क्षेत्र में अवैध कब्जों की जानकारी ली। बिल्सड़ पट्टी, बिल्सड़ पुवायां, पछायां में एएसआइ संरक्षित क्षेत्र हैं। एएसआइ ने 100 से 300 मीटर तक एतिहासिक टीलों को संरक्षित कर रखा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने वर्षों से यहां बोर्ड भी लगा रखे हैं।
इतिहासविद आरजी भंडारकर ने अपनी पुस्तक वैष्णविज्म, शैविज्म एंड अदर माइनर रिलीजंस सिस्टम में महासेन के मंदिर का उल्लेख किया है। यह मंदिर गुप्तकाल में बनवाया गया था। इसके अलावा बौद्धकालीन अवशेष भी पूर्व में मिल चुके हैं। बढ़ेगा बिल्सड़ का मान
ग्रामीणों का कहना है कि अब बिल्सड़ का मान देशभर में बढ़ेगा और इस क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। यहां एक जगह बड़ा टीला के नाम से है वह भी एएसआइ द्वारा संरक्षित है। खोदाई में मिलीं मूर्तियां भी यहां एक मंदिर में रखी हैं।
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बिल्सड़ को पर्यटन के नक्शे पर लाया जाएगा। यहां एक म्यूजियम भी प्रस्तावित है। बिल्सड़ को देश-विदेश में पहचान मिलेगी। जो भी अवैध कब्जे होंगे वे हटाए जाएंगे।
- एसपी वर्मा, एसडीएम अलीगंज