किसानों के केसीसी खातों में बैंक कर रही मनमानी
बिना सहमति बचत खाते में डाल दी कर्जा राशि जमा व निकासी पर्ची तक नहीं उपलब्ध करा पा रही बैंक
जासं, एटा: किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खेती के लिए मुहैया कराए जा रहे कर्जा के खातों में बैंकों द्वारा अपनी मनमानी की जा रही है। इसका प्रमाण पिलुआ स्थित स्टेट बैंक की शाखा में मिला। जहां केसीसी खाते से काटकर आधी राशि किसान के बचत खाते में डाल दी। अब बैंक जमा और निकासी पर्ची तक मुहैया नहीं करा पा रही।
पिलुआ क्षेत्र के गांव नगला इमलिया निवासी रूपकिशोर को उनके केसीसी खाते में 12 फीसदी ब्याज दर से 1.28 लाख रुपया लोन स्वीकृत हुआ। इस पर वे समय-समय पर उस लोन का भुगतान करते रहे। 26 दिसंबर को 2017 को उनके केसीसी खाते से बैंक ने बिना उनकी मर्जी से उनके उसी बैंक में चल रहे बचत खाते में 55 हजार रुपया ट्रांसफर कर दिया। इससे केसीसी खाते से 55 हजार रुपया कम होते ही ब्याज पर ब्याज चढ़ने लगी। वहीं खतौनी प्रमाणन और निरीक्षण के नाम पर बैंक द्वारा समय-समय पर तमाम राशि काटी जारी रही। ऐसे में जब रूपकिशोर ने 18 जून को अपने दोनों खातों के जमा और निकासी के फार्म की प्रति मांगी तो बैंक अधिकारियों ने बताया कि मंडलीय अधिकारियों के आदेश पर कार्रवाई की गई। रूपकिशोर ने बताया कि बैंक द्वारा दी गई सीट के मुताबिक ऐसा उस दिन 154 किसानों के साथ किया गया। पीड़ित किसान ने जिलाधिकारी व बैक के उच्चाधिकारियों से जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।