पंचायत चुनाव से पहले बढ़ा प्रधानों की शिकायतों का ग्राफ

करीब पांच साल में दो सौ प्रधानों की शिकायतें हुई इसी माह 30 शिकायतें आई जांच अधिकारियों का भी टोटा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 06:34 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 06:34 AM (IST)
पंचायत चुनाव से पहले बढ़ा प्रधानों की शिकायतों का ग्राफ
पंचायत चुनाव से पहले बढ़ा प्रधानों की शिकायतों का ग्राफ

एटा: पंचायत चुनाव की घोषणा से पहले ही ग्राम प्रधानों की शिकायतें 10 गुना तक बढ़ गई हैं। इस महीने 30 शिकायतें आई हैं। इनकी जांच भी शुरू हो गई हैं।

पंचायत चुनाव निकट भविष्य में होने हैं। उसी को लेकर गांव में प्रधान पदों के लिए प्रचार प्रसार लोगों ने शुरू कर दिया है। अपना वर्चस्व दिखाने के लिए दावेदार लोग मौजूदा प्रधानों की शिकायत करने के साथ ही उसके वोटों पर हर संभव प्रयास करके सेंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं। विपक्षी लोग अधिकारियों से उनके विकास कार्यो को लेकर शिकायतें कर रहे हैं। जिला पंचायत राज विभाग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो करीब पांच साल में दो सौ प्रधानों की शिकायतें की गई। अधिकारियों ने जांच करते हुए 40 शिकायतों का निपटारा भी कर दिया है। इस तरह से शिकायतों का औसत तीन से चार प्रति माह पांच साल में रहा। चुनाव का नजदीक समय आने को लेकर इस माह में 30 प्रधानों की शिकायतें की गई है। इस तरह से प्रधानों के खिलाफ शिकायतों का दस गुना ग्राफ बढ़ा है। अचानक से प्रधानों के खिलाफ शिकायतें बढ़ने को लेकर जांच अधिकारियों का भी टोटा हो गया है। अलग-अलग विभाग के अधिकारी पहले से ही कई प्रधानों की जांच कर रहे हैं। शिकायतों का निस्तारण करना प्रशासन के लिए मुसीबत बन रहा है। डीपीआरओ आलोक कुमार प्रियदर्शी ने कहा कि शिकायतों का सिलसिला बढ़ गया है। हालांकि शिकायतों का सही ढंग से जांच अधिकारियों के माध्यम से निपटारा कराया जाएगा। नेताजी भी अपना रहे दोहरी चाल:

ग्राम प्रधानों की शिकायतों में पूर्व और मौजूदा नेताजी भी दोहरी भूमिका निभा रहे हैं। वे भी अपना वोट बैंक बनाए रखने के लिए अधिकारियों से चोरी छिपे शिकायतें कर रहे हैं। इतना ही नहीं नेताजी अधिकारियों से उनके बारे में जानकारी गोपनीय रखने की अपील भी कर रहे हैं।

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