एंबुलेंस सेवा पर संकट, बढ़ेगी मुसीबत

पांच माह से वेतन न मिलने पर जिला अस्पताल में धरने पर बैठे कर्मचारी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो आज रात से कार्य बहिष्कार का एलान

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Feb 2020 11:00 PM (IST) Updated:Fri, 28 Feb 2020 06:00 AM (IST)
एंबुलेंस सेवा पर संकट, बढ़ेगी मुसीबत
एंबुलेंस सेवा पर संकट, बढ़ेगी मुसीबत

एटा, जासं। सरकारी एंबुलेंस सेवा पर संकट की स्थिति बन गई है। पांच महीने से वेतन न मिलने से आक्रोशित कर्मचारी आंदोलन की राह पर हैं। उन्होंने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। शुक्रवार को दिन में बातचीत का सकारात्मक परिणाम नहीं निकला तो रात से कार्य बहिष्कार वाहनों को नहीं चलाएंगे। इस स्थिति में गरीब और दूरदराज क्षेत्र के मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

वेतन समेत कई मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारियों ने पांच महीने पहले भी आंदोलन और कार्य बहिष्कार किया था। उस समय भी मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ा था। उस समय शासन ने प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों से बात कर कर्मचारियों और एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके ईएमआरआइ में समझौता कराया था। कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी इस समझौते की शर्तों का पालन नहीं कर रही। उन्हें न तो पांच महीने से वेतन मिला है और न ही वेतन बढ़ोतरी, पीएफ डिपोजिट, ओवर टाइम का भुगतान नहीं कर रही। यही नहीं, केस लाने के लिए उन पर दबाव बनाया जाता है। समझौते के उल्लंघन और अपने शोषण के विरोध में कर्मचारियों ने फिर आंदोलन खड़ा कर दिया है। गुरुवार को कर्मचारी एकत्रित होकर जिला अस्पताल में धरने पर बैठ गए। हालांकि, आधे कर्मचारियों के माध्यम से एंबुलेंस सेवा जारी रखी गई। एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विवेक पाल ने बताया कि शुक्रवार को प्रदेश स्तर पर पदाधिकारियों की बात होगी। इसमें कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो शुक्रवार रात 12 बजे से हम लोग कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे। धरना में गोपाल, अविनाश, इंद्रजीत, रॉबिन, हरिवंश, कुलदीप, राहुल, ज्ञानरतन आदि कर्मचारी मौजूद रहे।

एंबुलेंस सेवा की स्थिति:

21-एंबुलेंस 102 सेवा

23-एंबुलेंस 108 सेवा

4-एंबुलेंस एएलएस सेवा

192-कुल कर्मचारी

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