वैकल्पिक व्यवस्थाएं बौनीं, एंबुलेंसकर्मियों की हड़ताल से परेशानी
कर्मचारियों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम बिना स्टाफ के दौड़ रहीं एंबुलेंस कालर परेशान
जासं, एटा: एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के चलते प्रशासन द्वारा की गई वैकल्पिक व्यवस्थाएं बौनी साबित हो रही हैं। 108 एंबुलेंस आमजन तक नहीं पहुंच पा रहीं, क्योंकि कालर की काल सिर्फ लखनऊ स्थित कंट्रोल रूम तक पहुंच रही है। अधिकांश चालकों के नंबर कंट्रोल रूम तक नहीं पहुंच पाए हैं। इसके अलावा एंबुलेंस पर पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है, सिर्फ पुलिस की सूचनाओं के आधार पर ही यह एंबुलेंस अपनी सेवाएं दे पा रहीं हैं।
शनिवार को कई एंबुलेंस जिला अस्पताल में खड़ी रहीं। पुलिस द्वारा सूचना दी गई, उन्हीं स्थानों पर ही पहुंच पाईं। प्रशासन ने चालकों की वैकल्पिक व्यवस्था तो कर ली, लेकिन ईएमटी की व्यवस्था नहीं कर पाया। अगर घायलों को प्राथमिक उपचार देने की जरूरत पड़ जाए तो एंबुलेंस में देखरेख करने वाला कोई नहीं है, जबकि ईएमटी के होने से प्राथमिक उपचार के तहत दर्द के इंजेक्शन, घायलों की मरहम पट्टी आदि की व्यवस्था की जाती थी, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं हो रहा। उधर, एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विवेक पाल ने बताया कि एटा जनपद के सभी कर्मचारी लखनऊ में हैं और हम लोग तब तक काम नहीं करेंगे, जब तक कोई समझौता नहीं हो जाता। हमें हर कीमत पर अपना समायोजन चाहिए। उधर, सेवा प्रदाता कंपनी ने कर्मचारियों को शनिवार रात तक काम पर लौट आने के लिए कहा है, लेकिन एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि उनके संगठन की तरफ से कोई भी ऐसा दिशा-निर्देश अभी तक नहीं आया है कि कर्मचारियों को काम पर लौटना है। ऐसे में इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि कर्मचारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई हो सकती है। यहां तक कि सेवा भी समाप्त की जा सकती है।