टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप, धरने पर बैठे सभासद

शहर के अंदर 86 कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है सभासदों का दावा है इसमें अधिकांश काम पहले ही हो चुके हैं

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 06:44 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:44 AM (IST)
टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप, धरने पर बैठे सभासद
टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप, धरने पर बैठे सभासद

जासं, एटा: पालिका क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सभासदों ने कलक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इससे पहले सभासदों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर नगर पालिका में घपले के बारे में अवगत कराया था। सभासदों ने आरपार की लड़ाई का एलान किया है।

धरने पर बैठे सभासदों ने बताया कि शहर के अंदर 86 कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। इसमें अधिकांश काम ऐसे हैं जो पहले हो चुके हैं। बावजूद इसके उन्हीं कामों को फिर से टेंडर प्रक्रिया में शामिल कर दिया गया है। गोलमाल तरीके से निजी हित में भुगतान किया जाएगा। इससे सरकारी धन का दुरुपयोग होगा। उन्होंने बताया कि जिन कार्याें में हेरफेर किया जा रहा है। उनमें वार्ड संख्या तीन में गांधी स्मारक के सामने गोविद नगर में पप्पू टायर्स से सतेन्द्र के घर तक नाली निर्माण, वार्ड 5 लोधीपुरम में धीरसिंह के मकान से प्रवीन के मकान तक मिट्टी एवं नाली निर्माण, वार्ड संख्या 7 उपकार नगर में राजेन्द्र मास्टर के घर से राजकिशोर के मकान तक मिट्टी भराव एवं नाली निर्माण, वार्ड संख्या 8 में बाला जी मंदिर के पास कुलदीप के मकान से जफरूद्दीन के मकान तक मिट्टी भराव एवं नाली निर्माण, वार्ड संख्या 14 में पुलिया निर्माण, इसी वार्ड में इंटरलाकिग एवं सीढि़यां निर्माण सहित अन्य कामों में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है।

धरने पर बैठे सभासदों में शबनम, कांती देवी, उमाकांत, प्रेमलता, साधना, संगीता दिवाकर, कुलरीम, मनीश जैन सहित अन्य लोग शामिल हैं।

वहीं नगर पालिका अध्यक्ष मीरा गांधी ने बताया कि जो भी विकास कार्य होते हैं उनका एसडीएम, ईओ, जेई के माध्यम से सत्यापन कराया जाता है। सभासदों को परेशानी थी तो धरना की बजाय उन्हें अवगत कराना था। इसे लेकर समस्याओं का समाधान किया जाता। उधर, नगर पालिका में स्थिति यह है कि जिस टेंडर प्रक्रिया का विरोध किया जा रहा है उसको लेकर पालिका का दावा है कि वह प्रस्ताव 16 सभासदों की मौजूदगी में पारित किए गए थे। 14 सभासद बोर्ड की बैठक के खिलाफ हैं और निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। इस तरह से 30 सभासदों में से दो फाड़ हो चुके हैं। सभासद विजेंद्र गुप्ता बब्बू ने बताया कि पालिका के साथ सभासदों के क्रियाकलापों की भी जांच होनी चाहिए।

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