अधिकारियों की तैनाती न होने से योजनाओं के क्रियान्वयन में दिक्कत

काफी समय से खाली पड़ा कृषि विभाग तहसील स्तर पर भी यही स्थिति पर्यवेक्षण की कमी के कारण योजनाओं में पारदर्शिता भी असर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 06:49 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 06:49 AM (IST)
अधिकारियों की तैनाती न होने से योजनाओं के क्रियान्वयन में दिक्कत
अधिकारियों की तैनाती न होने से योजनाओं के क्रियान्वयन में दिक्कत

जागरण संवाददाता, एटा: एक ओर सरकार किसानों के लिए नई-नई योजनाएं व उन्हें लाभांवित करने की बात सोच रही है। दूसरी ओर एटा के कृषि महकमे में कर्मचारियों की तो बात दूर काफी समय से अधिकारियों की कुर्सियां खाली पड़ी हैं।

कृषि से संबंधित मुख्यालय पर उपनिदेशक कृषि प्रसार के अलावा जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी के अलावा भूमि संरक्षण विभाग भी संचालित हैं। एक साल से सभी विभागों का दारोमदार एक ही अधिकारी पर है। जिला कृषि अधिकारी एमपी सिंह ही उपनिदेशक के अलावा अन्य विभागों का जिम्मा भी संभाल रहे हैं। कासगंज जिले में भी उप निदेशक कृषि का पदभार भी उन्हीं पर है। तहसील स्तर पर उप संभागीय कृषि अधिकारी के पद भी खाली होने की स्थिति में सारा काम कृषि विशेषज्ञ या फिर निचले स्तर के कर्मचारी ही संभाल रहे हैं। कृषि विभाग में योजनाओं की बात करें तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अलावा बीज अनुदान, कृषि उपकरण अनुदान, कीटनाशक दवा वितरण के अलावा कृषि फार्म का संचालन उर्वरक आपूर्ति की व्यवस्था के अलावा कृषि बाजार पर नियंत्रण जैसी तमाम जिम्मेदारियां हैं। पिछले महीने उपनिदेशक कृषि प्रसार के पद पर झांसी के अधिकारी का तबादला एटा के लिए किया गया, लेकिन वह भी एटा आकर प्रतिस्थापित नहीं हुए। इन हालातों में सभी विभागों से संबंधित शिकायतों और समस्याओं का निस्तारण एक ही अधिकारी पर है। वहीं पर्यवेक्षण की कमी के कारण योजनाओं में पारदर्शिता भी नजर नहीं आ रही। खास बात तो यह है कि कृषि से जुड़े विभागों की कुर्सियां खाली होने की जानकारी शासन को भी है, लेकिन यहां अधिकारियों की तैनाती में रुचि नहीं ली जा रही।

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