आज भी लालटेन के सहारे नगला तुलई

आजादी के सात दशक से अधिक का समय बीत चुका है। मगर नगल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 03:58 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 03:58 AM (IST)
आज भी लालटेन के सहारे नगला तुलई
आज भी लालटेन के सहारे नगला तुलई

जागरण संवाददाता, राजा का रामपुर: आजादी के सात दशक से अधिक का समय बीत चुका है। मगर नगला तुलई के लोगों ने गांव में बिजली बल्ब की रोशनी नहीं देखी। जबकि गांव में साढ़े तीन सौ से अधिक लोगों की आबादी है। इसके बाद भी राजनीतिक लोगों और शासन प्रशासन ने विद्युतीकरण कराने के लिए प्रयास नहीं किए हैं। जिसे लेकर ग्रामीण बिना बिजली के अपने काम चला रहे हैं।

थाना राजा का रामपुर के गांव नगला तुलई कस्बा से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर बसा हुआ है। गांव में साढ़े तीन सौ से अधिक की आबादी भी है। गांव बसे हुए भी छह दशक बीत चुके हैं। बावजूद इसके गांव में विद्युतीकरण नहीं हो सका है। जिसके कारण गांव के लोग नही जानते हैं कि आखिरकार बिजली बल्ब की रोशनी कैसी होती है। विद्युतीकरण न होने के कारण इस गांव के विद्यार्थी लालटेन एवं मोमबत्ती के सहारे पढ़ाई करनें को मजबूर हैं। सरकारें आईं और चली गईं लेकिन इस गांव को बिजली से रोशन नहीं कर सकी। ग्रामीणों के लगातार मांग करने के बाद विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी नक्शा आदि बनाकर ले गये। इसके बाद भी नतीजा शून्य ही रहा है। विद्युतीकरण न होने से परेशान ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री को शिकायती पत्र भेजकर गांव को बिजली रोशनी से रोशन करने की मांग की है। मांग करने वालों में कन्हैयालाल, श्यामसिंह, श्रीकृष्ण, खेमकरन, ज्ञानदेवी, रामेश्वरदयाल, रामभजन, अमरनाथ, अर्जुन, भूपकिशोर, भीमसेन, कुम्भकरण, चन्द्रपाल, दीपेश, महेश, रामकुमार,

आदि ग्रामीण शामिल हैं।

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क्या बोले ग्रामीण

सरकार से उम्मीद लगा रखी थी जो धीरे-धीरे क्षीण होती जा रही है। विद्युतीकरण न होने से कई तरह की परेशानियां हो रही हैं।

---अनिल कुमार

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गांव में बिजली हो तो बच्चों को पढ़ने लिखने में आसानी हो। कई बार अधिकारी कर्मचारी बिजली को लेकर गांव में चक्कर लगा चुके हैं।

--किशन कुमार

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विद्युतीकरण न होने के कारण खेतों की सिचाई नहीं हो पाती है। इसके साथ ही छोटे रोजगार भी करने के लिए लोगों के पास साधन नहीं है।

--राजकुमार

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कस्बा राजा का रामपुर से नगला तुलई गांव सटा हुआ है। बावजूद इसके दशकों से गांव में बिजली बल्ब की रोशनी नहीं हो सकी है।

--रामसरन

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