नए एंबुलेंस चालक तैनात, सीयूजी फोन पुरानों के पास

नए चालकों के पास नहीं पहुंच रही लोगों की सूचनाएं चाबियां सरेंडर कर एंबुलेंसकर्मी लखनऊ गए

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 06:18 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 06:18 AM (IST)
नए एंबुलेंस चालक तैनात, सीयूजी फोन पुरानों के पास
नए एंबुलेंस चालक तैनात, सीयूजी फोन पुरानों के पास

जासं, एटा: 108, 102 और एएलएस एंबुलेंस ड्राइवरों की वैकल्पिक व्यवस्था के बावजूद भी लोगों को नहीं मिल पा रहीं।

दरअसल, चालकों ने प्रशासन को गाड़ियों की चाबियां तो सौंप दीं, लेकिन सीयूजी फोन नहीं दिए। ऐसे में कंट्रोल रूम से आने वाली काल पुराने चालक ही रिसीव कर रहे हैं। नए चालकों के पास सूचना ही नहीं पहुंच रही। पुलिस जरूर अगर कहीं घटना हो जाती है तो सूचना दे देती है। सभी पुराने एंबुलेंस चालक प्रदर्शन के लिए एटा से लखनऊ पहुंच गए हैं।

बुधवार रात एंबुलेंस कर्मचारी संघ ने सभी 44 गाड़ियों की चाबियां प्रशासन को सौंप दीं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को चालकों की वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए लगा दिया गया। रातोंरात सरकारी मशीनरी ने चालकों की व्यवस्था भी कर ली और उन्हें एक-एक गाड़ी सौंप दी गई। यह गाड़ियां जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व अन्य केंद्रों पर खड़ी हैं। यह गाड़ियां अब प्रशासनिक सूचना पर निर्भर हैं। अगर जिले में कहीं कोई हादसा हो जाए या स्वास्थ्य विभाग को यह पता चल जाए कि फलां स्थान से मरीज को लाना है, तब ही आगे जाएंगी। इसका कारण यह है कि पुराने एंबुलेंस चालकों ने गाड़ियों की चाबियां तो सौंप दीं, लेकिन सीयूजी फोन नहीं सौंपे।

दूसरी तरफ प्रशासन भी इस मामले में चूक गया कि सीयूजी फोन भी चालकों से नहीं ले पाया। समय रहते इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया कि आखिर सूचनाएं तो कंट्रोल रूम से सीयूजी फोन पर ही आएंगी। समय रहते स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारी इस स्थिति को नहीं भांप पाए। उधर, एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विवेक पाल ने बताया कि हमने सिर्फ चाबियां सौंपी हैं, सीयूजी फोन प्रशासन को नहीं देंगे, क्योंकि हम जिस कंपनी में काम कर रहे हैं उसका सबसे बड़ा साक्ष्य यह फोन ही है। एडीएम प्रशासन विवेक मिश्र ने बताया कि चालकों ने सभी गाड़ियों की चाबियां स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी हैं और एंबुलेंस का संचालन हो रहा है, जहां से भी किसी भी सोर्स से सूचनाएं मिल रही हैं वहां एंबुलेंस भेजी जा रही है। किसी की खिड़की नहीं खुली तो कोई स्टार्ट नहीं हुई

-महिला अस्पताल से एक महिला को उसके गांव तक छोड़ना था, लेकिन वहां एंबुलेंस स्टार्ट ही नहीं हुई। इस पर महिला के परिवार वालों ने नाराजगी जताई और हंगामे जैसी स्थिति बन गई। हालांकि बाद में समझा-बुझाकर मामला शांत कर दिया गया। जिन नए चालकों की तैनाती गई है उनमें से कई चालकों का कहना था कि गाड़ियों को स्टार्ट करने में कठिनाई आ रही है। फिर भी किसी भी आकस्मिक सूचना पर जाने के लिए हम अपनी तरफ से पूरी तरह तैयार हैं।

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