अपना मकान, फिर भी पीएम शहरी आवास योजना का लेना चाह रहे थे लाभ
496 आवेदनकर्ता पाए गए अपात्र शहर से बाहर रहने वाले लोगों ने भी किए आवेदन
जासं, एटा: सरकारी द्वारा संचालित आवास योजनाओं का गलत तरीके से लाभ लेने वालों की कमी नहीं है। अपना मकान है फिर भी पीएम शहरी आवास योजना के लिए तमाम लोगों ने आवेदन कर दिए। सत्यापन के दौरान 496 ऐसे लोग पकड़ में आए जो अपात्र हैं। सत्यापन के बाद सूची से इनके नाम हटा दिए गए।
शहर के पीपल अड्डा निवासी सुनील कुमार के पास अपना मकान है फिर भी उन्होंने पीएम शहरी आवास योजना के लिए आवेदन दाखिल कर दिया। जब सत्यापन हुआ तो पता चला कि यह परिवार तो पहले से ही अच्छे खासे मकान में रह रहा है। निधौली कलां रोड श्रंगार नगर की सावित्री देवी भी पात्र नहीं निकलीं। उनका दो मंजिला मकान है जिसमें छह कमरे हैं माल गोदाम रोड निवासी विजेंद्र पाल सिंह की भी यही कहानी है।
शहर के ऐसे लोग जिनके पास जमीन है, मगर मकान निर्माण के लिए धनराशि नहीं है। यह लोग झोपड़ी या फिर खुले आसमान के नीचे जीवन बिता रहे हैं। ऐसे लोगों को शासन पीएम शहरी आवास योजना के तहत धनराशि देकर मकान निर्माण करा रहा है। उसी को लेकर डूडा विभाग की तरफ से मकान विहीन लोगों से आवेदन मांग थे। नगर पालिका क्षेत्र से 824 लोगों ने आवेदन किया था।डूडा ने इन आवेदकों का सत्यापन नगर पालिका से कराया था। नगर पालिका में तैनात आरआइ और टीएस के माध्यम से सत्यापन किया गया था। टीम को 328 लोग पात्र और 496 लोग अपात्र मिले। आरआइ रामानंद ने बताया कि अपात्र लोगों में वे लोग शामिल हैं, जो नगर पालिका क्षेत्र से बाहर निवास करते हैं। इसके साथ ही पहले से मकान में रह रहे हैं और आमदनी अधिक होने वाले लोग भी सत्यापन के वक्त अपात्र पाए गए हैं। वहीं नगर पालिका ईओ डा. दीप कुमार वाष्र्णेय ने बताया कि सत्यापन संबंधी रिपोर्ट डूडा भेज दी गई है। वहीं से आगे की कार्रवाई की जाएगी।